नाभिकीय ऊर्जा की शरण: देशहित में या पूँजी के हित में?
सवाल यह है ही नहीं कि नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग किया जाना चाहिए या नहीं। किसी भी ऊर्जा स्रोत का उपयोग किया जा सकता है, बशर्ते कि उस पूरे उपक्रम के केन्द्र में मुनाफा नहीं बल्कि मनुष्य हो। नाभिकीय ऊर्जा के जिन स्वरूपों के सुरक्षित उपयोग की तकनोलॉजी आज मौजूद है, उनकी भी उपेक्षा की जाती है और उचित रूप से उनका उपयोग नहीं किया जा सकता है। दूसरी बात, नाभिकीय रियेक्टर बनाने का काम किसी भी रूप में निजी हाथों में नहीं होना चाहिए क्योंकि इन कम्पनियों का सरोकार सुरक्षा नहीं बल्कि कम से कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा होगा। तीसरी बात, नाभिकीय ऊर्जा के जिन रूपों का उपयोग सुरक्षित नहीं है, उन पर कारगर शोध और उसके बाद उसे व्यवहार में उतारने के कार्य किसी ऐसी व्यवस्था के तहत ही हो सकता है, जिसके लिए निवेश कोई समस्या न हो। यानी, कोई ऐसी व्यवस्था जिसके केन्द्र में पूँजी न होकर, मानव हित हों।