हम हार नहीं मानेंगे! हम लड़ना नहीं छोड़ेंगे!
शासक हमेशा ही यह मानने की ग़लती करते रहे हैं कि संघर्षरत स्त्रियों, मज़दूरों और छात्रों-युवाओं को बर्बरता का शिकार बनाकर वे विरोध की आवाज़ों को चुप करा देंगे। वे बार-बार ऐसी ग़लती करते हैं। यहां भी उन्होंने वही ग़लती दोहरायी है। 25 मार्च की पुलिस बर्बरता केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के मेहनतकश ग़रीबों को एक सन्देश देने की कोशिश थी और सन्देश यही था कि अगर दिल्ली के ग़रीबों के साथ केजरीवाल सरकार के विश्वासघात के विरुद्ध तुमने आवाज़ उठायी तो तुमसे ऐसे ही क्रूरता के साथ निपटा जायेगा। हमारे घाव अभी ताजा हैं, हममें से कई की टांगें सूजी हैं, उंगलियां टूटी हैं, सिर फटे हुए हैं और शरीर की हर हरकत में हमें दर्द महसूस होता है। लेकिन, इस अन्याय के विरुद्ध लड़ने और अरविंद केजरीवाल और उसकी ‘आप’ पार्टी की घृणित धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने का हमारा संकल्प और भी मज़बूत हो गया है।