पाठक मंच
‘आह्वान’ अपने संकल्प के मुताबिक हर चीज़ पर सही तथा बेलाग-लपेट बात जनता के बीच लेकर जा रहा है। इसी कड़ी में इस बार का अंक भी सराहनीय था। ख़ासकर विकल्प के बारे में आया सम्पादकीय बेहद महत्वपूर्ण था। लेख में क्रान्तिकारी विकल्प की समस्याओं पर बात के साथ बहेतू-सट्टेबाज़ दार्शनिकों की अच्छी शिनाख़्त की गई है। दवा उद्योग पर आया लेख भी अच्छा है। प्रो. एजाज अहमद पर आया लेख प्रो. साहब के मौजूदा लेखन की पड़ताल तो करता ही है साथ में कई भ्रम भी दूर करता है। साथी पिछले कई अंको से ‘अन्तर्दृष्टि’ नामक स्तम्भ नहीं दिया जा रहा है। इसके अन्तर्गत आए लेख बेहद विचारोत्तेजक लगे। यदि इस स्तम्भ को जारी रखें तो पाठकों के लिए काफी अच्छा रहेगा। आह्वान को मेरा सहयोग जारी रहेगा।