पाठक मंच
शहीदे-आज़म भगतसिंह के जेल नोट्स के कुछ नये अंश देखकर यह पुरानी छवि और सुदृढ़ हो गयी कि भगतसिंह बीसवीं सदी के भारत के महान और साहसी क्रान्तिकारी ही नहीं थे बल्कि अगुआ चिन्तक भी थे। हावर्ड जिन, बरेली के दंगों और बजट पर आयी सामग्री प्रशंसनीय थी। समाज परिवर्तन की मुहिम में निश्चित रूप से ‘आह्वान’ एक धारदार हथियार का काम कर रहा है। मेरा साथ सहयोग सतत् उपलब्ध रहेगा।