पाठक मंच, जुलाई-अक्टूबर 2020
‘आह्वान’ जनता के बीच उन विचारों को लेकर जा रही है जिन्हें ले जाने की हिम्मत कॉरपोरेट मीडिया में नहीं है। यह पत्रिका वैकल्पिक मीडिया के प्रयासों की एक अहम कड़ी है। इसके लेखों से युवाओं को विभिन्न चीज़ों को देखने और समझने का नज़रिया मिलता है। इसके लेख भाजपा और संघ परिवार की पोल खोलकर रख देते हैं कि आर्थिक संकट के समय पूँजीवाद किस तरह से फ़ासीवादी ताक़तों का इस्तेमाल कर रहा है। छात्रों-युवाओं और व्यापक मेहनतकश जनता को मुक्तिकामी विचारों की बेहद ज़रूरत है। मैं अपने तौर पर आह्वान पत्रिका को और लोगों तक पहुँचाने का भरसक प्रयास करूँगा। साथ ही मुझे लगता है आह्वान पत्रिका की नियमितता बरकरार नहीं रह पा रही है। इस चीज़ पर भी ध्यान दिया जाये।