फ़िलिस्तीन की जनता के बहादुराना संघर्ष ने एक बार फिर ज़ायनवादियों को धूल चटाई और पीछे हटने को मजबूर किया!
आज यह समझना बहुत ज़रूरी है कि इंसाफ़ और आज़ादी के लिए फ़िलिस्तीन का संघर्ष अकेले उनका संघर्ष नहीं है। यह पूरी दुनिया में नस्लवाद और साम्राज्यवादी दबंगई के विरुद्ध शानदार लड़ाई का एक प्रतीक है। पूरी दुनिया का इंसाफ़पसन्द अवाम उनके पक्ष में बार-बार लाखों की तादाद में सड़कों पर उतरता रहा है। साम्राज्यवादी ताकतों के अलावा भारत के संघी फ़ासिस्टों का झूठा और जहरीला प्रचार फ़िलिस्तीन के संघर्ष की बहुत ही उल्टी तस्वीर पेश करता है। जनता के इस ऐतिहासिक संघर्ष को आतंकवाद का रूप दे देता है। एक बड़ी आबादी फ़िलिस्तीन के संघर्ष को या तो जानती नहीं या फिर साम्राज्यवादी और संघियों के जहरीले प्रचार को जानती है। इसलिए फ़िलिस्तीन के संघर्ष की सच्चाई को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में समझने की ज़रूरत है।