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जुलाई दिसम्बर 2012
केजरीवाल के “आन्दोलन” से किसको क्या मिलेगा?
कौन जिम्मेदार है इस पाशविकता का? कौन दुश्मन है? किससे लड़ें?
स्वास्थ्य तन्त्र में अमानवीयता पूँजीवाद का आम नियम है
और कितने बेगुनाहों की बलि के बाद समझेंगे हम? आपस में लड़ना छोड़, अपने असली दुश्मन को पहचानना ही होगा!!
बाल ठाकरे: भारतीय फासीवाद का प्रतीक पुरुष
फैजाबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगों के निहितार्थ
कृत्रिम चेतना: एक कृत्रिम और मानवद्रोही परिकल्पना
मारुति सुजुकी के मज़दूरों का संघर्ष और भारत के ‘‘नव-दार्शनिकों” के “अति-वामपन्थी” भ्रम और फन्तासियाँ
एरिक हॉब्सबॉमः एक हिस्टोरियोग्राफिकल श्रद्धांजलि
मई जुन 2012
कार्टून, पाठ्यपुस्तकें और भयाक्रान्त भारतीय शासक वर्ग
जस्टिस काटजू का विधवा-विलाप और भारतीय मीडिया की असलियत
मानवद्रोही-मुनाफ़ाखोर व्यवस्था का शिकार बनता मासूम बचपन
ये महज़ हादसे नहीं, निर्मम हत्याएँ हैं
सूखा: प्राकृतिक आपदा या पूँजीवादी व्यवस्था का प्रकोप?
“विश्व शान्ति” के वाहक हथियारों के सौदागर
दलित मुक्ति का रास्ता मज़दूर इंकलाब से होकर जाता है
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क्रिस्टोफ़र कॉडवेल और भौतिकी का “संकट”
कुछ महत्वपूर्ण क्रान्तिकारी पत्र-पत्रिकाएं, वेबसाइट
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