लोकसभा चुनाव के नतीजे और छात्रों-युवाओं के कार्यभार
लोकसभा चुनाव के नतीजे और छात्रों-युवाओं के कार्यभार सम्पादकीय लोकसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। येन-केन-प्रकारेण मोदी का तीसरी बार प्रधानमन्त्री बनने का सपना चन्द्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार…
लोकसभा चुनाव के नतीजे और छात्रों-युवाओं के कार्यभार सम्पादकीय लोकसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। येन-केन-प्रकारेण मोदी का तीसरी बार प्रधानमन्त्री बनने का सपना चन्द्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार…
उपरोक्त कारकों के अलावा मणिपुर की हालिया हिंसा में एक नया और बड़ा कारण मणिपुर में संघ परिवार व भाजपा की मौजूदगी और उसका फ़ासीवादी प्रयोग रहा है। ग़ौरतलब है कि मणिपुर में 2017 से ही भाजपा की सरकार है जिसका इस समय दूसरा कार्यकाल चल रहा है। पिछले छह वर्षों में संघ परिवार ने सचेतन रूप से मणिपुर में मैतेयी राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और उसे हिन्दुत्ववादी भारतीय राष्ट्रवाद से जोड़ने के तमाम प्रयास किये हैं।
जनवादी अधिकारों पर बढ़ता फ़ासीवादी हमला और कैम्पसों में घटता जनवादी स्पेस सम्पादकीय वर्तमान फ़ासीवादी दौर में जनता के लम्बे संघर्षों से हासिल सीमित जनवादी अधिकारों पर हमला बोल दिया…
पाँच राज्य में विधानसभा के नतीजे सामने आ चुके हैं और कांग्रेस ने पाँच राज्य में से तीन पर हाँफते-हाँफते सरकार बना ली है। यह चुनावी नतीजे मोदी की उतरती लहर को पुख्ता करते हैं और जनता के अंदर सरकार के खिलाफ़ गुस्से की ही अभिव्यक्ति है। चुनावी नतीजों के विश्लेषण में जाने पर यह साफ हो जाता है कि शहरी से लेकर ग्रामीण आबादी में भाजपा के वोट प्रतिशत में नुकसान हुआ है। वसुंधरा राजे और ‘मामा’ शिवराज सिंह की निकम्मी सरकारों के खिलाफ जनता में गुस्सा था परंतु ईवीएम के जादू और संघ के भीषण राम मंदिर प्रचार ने भाजपा को इन दोनों राज्य में टक्कर पर पहुंचा दिया। यह चुनाव जिस पृष्ठभूमि पर लड़ा गया और आगामी लोकसभा चुनाव तक संघ जिस ओर कदम बढ़ा रहा है हम यहाँ विस्तार से बात करेंगे।