Category Archives: गतिविधि बुलेटिन

अब अभिव्यक्ति के ख़तरे उठाने ही होंगे…

मुक्तिबोध का आत्मसंघर्ष मध्यवर्गीय संस्कारों को लेकर है। उनकी कविता का केन्द्रीय सरोकार कलात्मक नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है। जब वे समाज की समस्याओं की निगहबानी करने की कोशिश करते हैं तो उन्हे कवि, कलाकार उद्योगपति, राजनेता और अपराधीगण एक साथ विचरण करते, मन्त्रणा करते नज़र आते हैं । ऐसे में मुक्तिबोध अभिव्यक्ति के समस्त ख़तरों को उठाते हुये अपना पक्ष तय करते हैं।

किस चीज का इन्तजार है और कब तक ?

राहुल फाउण्डेशन के सत्यम ने कहा कि भगत सिंह की आँखों में एक नये समाज का सपना था जहाँ एक देश द्वारा दूसरे देश का शोषण न हो, एक आदमी द्वारा दूसरे आदमी का शोषण न हो। लेकिन आजाद भारत की साठ सालाना बैलेन्स शीट साफ़ बताती है कि यह आजादी धनपशुओं और उनके साथ नाभिनालबद्ध नेताओं की है। सांसदों का सालाना वेतन भत्ता 12 लाख रुपये हैं। आवास, बिजली आदि सुविधाएं मुफ्त हैं। वहीं मेहनतक़श अवाम रोज़ी–रोटी की ख़ातिर दर–दर भटक रहा है।

स्मृति संकल्प यात्रा के डेढ़ वर्ष पूरे होने पर देश के अलग–अलग हिस्सों में कार्यक्रम

पिछले वर्ष 23 मार्च को भगत सिंह और उनके साथियों के 75 शहादत वर्ष के आरम्भ पर शुरू की गई स्मृति संकल्प यात्रा के तहत देश के विभिन्न क्रान्तिकारी संगठन पिछले डेढ़ वर्षों से भगत सिंह के उस सन्देश पर अमल कर रहे हैं जो उन्होंने जेल की कालकोठरी से नौजवानों को दिया था कि छात्रों और नौजवानों को जरूरत है कि वे क्रान्ति की अलख लेकर गाँव–गाँव, कारखाना–कारखाना, शहर–शहर, गन्दी झोपड़ियों तक जाएँ। इस अभियान के दौरान इन जनसंगठनों ने जो भी जनकार्रवाइयाँ की हम उसका एक संक्षिप्त ब्यौरा देते रहे हैं और इस बार भी यहाँ दे रहे हैं।

‘दिशा’ के फिल्म क्लब ‘मोन्ताज’ द्वारा फिल्म शो का आयोजन

दिशा छात्र संगठन के फिल्म क्लब मोन्ताज ने दिल्ली विश्वविद्यालय, उत्तरी परिसर में स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में 2006–07 के प्रथम अकादमिक सत्र में वैकल्पिक प्रगतिशील संस्कृति को छात्रों के बीच ले जाने के अपने मुहिम के तहत सफलतापूर्वक अपने प्रथम स्थापना फिल्म शो का आयोजन 13 सितम्बर 06 को किया।

स्मृति संकल्प यात्रा की शुरुआत का ऐलान

शहीदेआज़म भगतसिंह के 98वें जन्मदिवस के अवसर पर 28 सितम्बर, 2005 के दिन शहीद पार्क, फ़िरोज़शाह कोटला के ऐतिहासिक स्थान पर नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने संकल्प दिवस मनाते हुए देश भर में भगतसिंह और उनके साथियों के क्रान्तिकारी विचारों को प्रचारित-प्रसारित करने की शपथ ली। यह स्मृति संकल्प यात्रा भगतसिंह के 75वें शहादत वर्ष के आरम्भ (23 मार्च, 2005) से लेकर उनके जन्म शताब्दी वर्ष के समापन (28 सितम्बर, 2008) तक के तीन वर्षों के दौरान देश भर में साईकिल यात्राएँ, पद यात्राएँ और जुलूस निकालने के साथ-साथ सांस्कृतिक टोलियों के देशव्यापी दौरों और विश्वविद्यालय परिसरों में भगतसिंह के विचारों पर गोष्ठियों, विचार–विमर्श चक्रों को आयोजित करेगी। इस दौरान भगतसिंह और उनके साथियों के दस्तावेज़ों और अन्य क्रान्तिकारी साहित्य को पर्चों, पुस्तिकाओं और पुस्तकों के माध्यम से गाँव-गाँव में, शहरों में, विश्वविद्यालय परिसरों और कॉलेजों में, कारखानों और मज़दूर बस्तियों में पहुँचाया जाएगा।

भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के 75वें शहादत वर्ष की शुरुआत पर दिल्‍ली व नोएडा में जगह-जगह कार्यक्रम, साईकिल जुलूस और नुक्कड़ सभाएँ

23 मार्च 2005 के दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत के 75 वर्ष पूरे हो गए। नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने इन शहीदों के सपनों का भारत बनाने के संकल्प दोहराते हुए जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, साईकिल जुलूस और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया। नौजवान भारत सभा ने नोएडा में 23 मार्च को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। संसदीय लोकतंत्र की असलियत को सामने लाने वाले नाटक ‘हवाई गोले’ का मंचन किया गया। इसके अलावा कई क्रान्तिकारी गीतों की भी प्रस्तुति हुई। क्रान्तिकारी उद्धरणों और कविताओं वाले पोस्टरों की एक प्रदर्शनी भी लगाई। यहाँ ‘जनचेतना’ ने प्रगतिशील पुस्तकों की एक प्रदर्शनी भी लगाई।

नौजवान भारत सभा की पुलिस दमन–विरोधी मुहिम

‘नौजवान भारत सभा’ ने इस पुलिसिया दमन के खिलाफ़ आवाज़ उठाते हुए ‘पुलिस दमन विरोधी मुहिम’ चलाई। नौभास ने माँग की कि परमेश्वर की हिरासत में हुई मौत की उच्चस्तरीय जाँच की जाए, दोषी पुलिस कर्मियों को तत्काल निलम्बित किया जाए और उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए, और परमेश्वर के मोहल्ले से गिरफ़्तार लोगों को तत्काल रिहा किया जाए। इसके ख़िलाफ़ 17 मार्च की शाम को करावलनगर में एक जनसभा की गई। पुलिस को बेनकाब करते हुए पर्चा बांटा गया। फ़िर हस्ताक्षर अभियान चलाकर करीब दो हजार हस्ताक्षर वाला माँगपत्रक 21 मार्च को पुलिस आयुक्त मुख्यमंत्री उपराज्यपाल, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग, को सौंपा गया।

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ‘विहान’ के सांस्कृतिक कार्यक्रम

‘दिशा छात्र संगठन’ की सांस्कृतिक टोली ‘विहान’ ने छात्रों के बीच फ़ैले सांस्कृतिक घटाटोप के विरुद्ध मुहिम छेड़ते हुए हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रवासों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की। यह अभियान अगस्त में शुरू हुआ और अभी भी जारी है। इस श्रृंखला में अब तक मानसरोवर छात्रावास, जुबली छात्रावास, कोठारी छात्रावास और दौलत राम कॉलेज छात्रावास के परिसरों में कार्यक्रम हो चुके हैं।

स्‍मृति संकल्‍प यात्रा (23 मार्च 2005-28 सितम्‍बर 2008) के लिए आह्वान

बैठे-बैठे सोचते रहने से तो हर राह मुश्किल लगती है। राह की कठिनाइयों को यात्रा शुरू करने के बाद ही दूर किया जा सकता है। भगतसिंह और उनके साथियों का सपना एक जलता हुआ प्रश्न बनकर हमारी आँखों में झाँक रहा है। उनकी विरासत हमें ललकार रही है और भविष्य हमें आवाज़ दे रहा है। एक ज़िन्दा क़ौम के नौजवान इसकी अनसुनी नहीं कर सकते। हम एक नई क्रान्ति की तैयारी के लिए, एक नये क्रान्तिकारी नवजागरण का सन्देश पूरे देश में फ़ैला देने के लिए आपका आह्वान करते हैं