Category Archives: गतिविधि बुलेटिन

121वें मई दिवस पर नौजवान भारत सभा द्वारा नौजवान मज़दूरों को अपील जारी

नौजवान भारत सभा, दिल्ली के योगेश ने बताया कि मई दिवस की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ आज वापस छीनी जा रही हैं। ऐसे में यह सभी नौजवानों और मज़दूरों का फ़र्ज़ बनता है कि वे इस साज़िश के ख़िलाफ़ संघर्ष में उतरें। भगतसिंह ने कहा था कि इस देश की असली क्रान्तिकारी ताक़त मज़दूर और किसान हैं। नौजवानों को उनका नेतृत्व देने के लिए आगे आना होगा और उनके संघर्षों से जुड़ना होगा। इस मई दिवस पर नौजवान भारत सभा ने यही प्रयास किया।

दिल्ली में नगर निगम चुनावों पर नौजवान भारत सभा द्वारा भण्डाफ़ोड़ अभियान और पर्चा श्रृंखला

इस बार के चुनावों के दौरान नौजवान भारत सभा ने सभी चुनावबाज़ों के बारे में किसी भी बचे-खुचे भ्रम को नोचकर फ़ेंक देने के लिए एक भण्डाफ़ोड़ अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान चौराहों, नुक्कड़ों पर सभा करके सभी चुनावबाज़ मदारियों का कच्चा-चिट्ठा खोला गया। उनके पास आने वाले फ़ण्डों से जनता को अवगत कराया गया और उनकी धाँधलियों पर से पर्दा उठाया। इसके अलावा घर-घर जाकर नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं ने लोगों को इस बात पर सहमत करने का काम किया कि अब चुनावी राजनीति के सारे छल-छद्म उजागर हो चुके हैं और अब और इन्तज़ार करने का कोई तुक नहीं बनता। आज की ज़रूरत है क्रान्तिकारी संगठनों का एक व्यापक ताना-बाना खड़ा करके एक देशव्यापी क्रान्तिकारी पार्टी का निर्माण।

भगतसिंह के जन्मशताब्दी वर्ष की शुरुआत पर संकल्प मार्च

28 सितम्बर को भगतसिंह के जन्मशताब्दी वर्ष की शुरुआत पर बिस्मिल तिराहे से दिशा और नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं ने संकल्प मार्च निकाला जो कचहरी चैक, गोलघर, विजय चैराहा, बैंक रोड होते हुए भगतसिंह चैक, बेतियाहाता पहुँचकर संकल्प सभा में बदल गया।

गोरखपुर में दस दिन का अभियान व विचारगोष्ठी का आयोजन

स्मृति संकल्प यात्रा के तहत 15 सितम्बर को गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में दिशा की ओर से एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था ‘आज का समय, युवा और भविष्य का रास्ता’। गोष्ठी के मुख्य वक्ता स्मृति संकल्प यात्रा के संयोजक अरविन्द सिंह ने कहा कि आज बाजार की शक्तियों ने नौजवानों के भविष्य का रास्ता रोक रखा है। इस अवरोध को हटाए बिना और एक नये समाज का निर्माण किये बिना नौजवान भविष्य की राह पर आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि नौजवानों को एक नयी क्रान्ति का सन्देश लेकर मेहनतकशों के बीच जाना होगा और उन्हें क्रान्तिकारी जनसंगठनों में संगठित करते हुए एक व्यापक और लम्बी लड़ाई की तैयारी करनी होगी। इस वक्तव्य के बाद बड़ी संख्या में मौजूद छात्रों–युवाओं के बीच से बहुत से सवाल आये जिनमें ज़्यादातर इस बारे में थे कि भगतसिंह के सपनों का भारत कैसा होगा और उनकी राह पर आगे बढ़ने का आज क्या अर्थ है।

नोएडा में स्मृति संकल्प यात्रा के तहत सघन अभियान

नौजवान भारत सभा ने शहीदे आजम भगत सिंह के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर ‘स्मृति संकल्प यात्रा’ को नोएडा के घने मजदूर इलाके सेक्टर 8, 9, 10, तथा 16 की झुग्गियों, हरौला, चैड़ा, बिशुनपुर, मंगेल आदि गाँवों में तथा मुख्य रूप से खोड़ा कालोनी में केन्द्रित किया। क्रान्तिकारी गीत गाते हुए तथा जगह–जगह नुक्कड़ सभायें करते हुए सघन रूप से क्रान्तिकारी साहित्य और पर्चों का वितरण किया गया।

आदमपुर में व्यापक प्रचार अभियान

शहीद भगतसिंह की जन्मशताब्दी के आरम्भ के सन्दर्भ में जालन्धर के आदमपुर इलाके में 28 सितम्बर 2006 को पूरा दिन प्रचार कार्यक्रम चलाया गया। नौभास के कार्यकर्ताओं ने 28 तारीख़ को सुबह–सुबह प्रभात–फेरी निकाली। क्रान्तिकारी गीत गाते हुए और नारे लगाते हुए नौभास के सदस्यों ने लोगों तक शहीद भगतसिंह के विचारों को पहुँचाया। इसके बाद दो सीनियर सैकंडरी स्कूलों और एक कॉलेज में जाकर विद्यार्थियों को शहीद भगत सिंह के बारे में बताया गया और उन्हें शहीद भगत सिंह और उनके साथियों द्वारा देखे गये सपने को पूरा करने के प्रेरित किया गया। नौभास के कार्यकर्ता अपने साथ क्रान्तिकारी किताबें और शहीद भगतसिंह के पोस्टर भी लेकर गये थे। विद्यार्थियों और अध्‍यापकों ने बड़ी गिनती में यह किताबें और पोस्टर जो कि शहीद भगतसिंह और उनके साथियों के विचारों और जीवन के बारे में जानने के उनके उत्साह का प्रतीक था। विद्यार्थियों में पर्चा भी बाँटा गया। शाम के वक़्त इलाके में पैदल मार्च किया गया। लोगों में पर्चा बाँटा गया और क्रान्तिकारी गीत गाये गये।

पंजाब में स्मृति संकल्प यात्रा के तहत मशाल जुलूस व बच्चों के भाषण मुकाबले

स्मृति संकल्प यात्रा के अंतर्गत ही शहीद भगत सिंह जन्मशताब्दी के प्रारम्भ के सन्दर्भ में लुधियाना के लक्ष्मण नगर इलाके में नौभास द्वारा मशाल मार्च किया गया। इस मार्च में ज़्यादातर मजदूर नौजवान थे। 25–27 नौजवानों का यह मशाल मार्च क्रान्तिकारी नारे लगाते हुए जिन–जिन गलियों में से गुजरा, लोग अपने–अपने घरों से बाहर निकल आये। लोगों में स्मृति संकल्प यात्रा का पर्चा बाँटा गया। कई जगहों पर नुक्कड़ सभायें की गईं।

पंजाब में ‘शहीद भगत सिंह की विचारधारा और आज का समय’ पर गोष्ठी

शहीद भगतसिंह व्यापक मेहनतक़श जनता की आज़ादी चाहते थे, न कि टाटा–बिरला जैसे चन्द अमीर लोगों की। देश में बढ़ती आर्थिक गैर–बराबरी, बेरोज़गारी, लोगों द्वारा अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा न कर पाना, आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज शहीद भगतसिंह के सपनों का भारत नहीं है। उन्होंने नौजवानों को शहीद भगतसिंह की विचारधारा, दृढ़ता और कुर्बानी से प्रेरणा लेने के लिए कहा। मनुष्य के जीने के लायक, भगत सिंह के सपनों का समाज बनाया जा सकता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में पुलिस दमन के विरोध में छात्रों का जोरदार आन्दोलन

लेकिन इस आंशिक विजय के बावजूद अच्छी बात यह रही कि सारे चुनावबाज इस क्रम में पूरी तरह बेनकाब हो गये और आम छात्रों के बीच उनकी काफी लानत–मलामत हुई। इस आन्दोलन की विजय इस बात में निहित नहीं है कि सारी माँगें पूरी हुईं या नहीं हुईं। इसके विजय की असली कसौटी यह थी कि- (1) कोई भी पुलिस अधिकारी अब ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचेगा; (2) छात्रों की निगाह में दलाल चुनावबाज छात्र संगठनों का चरित्र बिल्कुल साफ हो गया। दिशा छात्र संगठन को मानसरोवर के छात्रों का पूरा समर्थन मिला।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तीन दिवसीय कार्यक्रम

हमारे समय में समाज में आमूलचूल परिवर्तन का रास्ता न तो बम पिस्तौल से होकर जाता है और न ही संसद विधानसभा के गन्दे गलियारे से। भगतसिंह के शब्दों में ‘वर्तमान दौर में छात्रों–नौजवानों के सामने सबसे बड़ा कार्यभार यह है कि वे क्रान्ति का सन्देश देश के कोने–कोने में ले जायें। फैक्टरी–कारखानों के क्षेत्रों से, कस्बों, गन्दी बस्तियों में रहने वाले करोड़ों लोगो में इस क्रान्ति की अलख जगायें। ताकि ‘मुक्ति’ का सपना शोषण के जुए के नीचे कसमसाती दबी व्यापक आबादी के दिलों का सपना बन जाय।