नौजवान भारत सभा की पुलिस दमन–विरोधी मुहिम
दिल्ली के किसी भी नुक्कड़ या चौराहे पर आपको दिल्ली पुलिस का यह बोर्ड नजर आ जाएगा–“दिल्ली पुलिस-सदैव आपके साथ”। लेकिन हिरासत में होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या दिल्ली पुलिस के इस दावे की खिल्ली उड़ाती दिखती है। गत 15 मार्च को केशवपुरम थाने में एक मज़दूर की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस ने दावा किया कि परमेश्वर दयाल नाम का यह मजदूर बाथरूम में करेंट लगने से मरा है और यह आत्महत्या का मामला है। लेकिन सूत्रों का कहना है परमेश्वर दयाल की हत्या की गई थी। परमेश्वर एक डाई बनाने वाला मज़दूर था जो अपने मालिक से अलग होकर अपना काम शुरू करने जा रहा था। इस पर उसका मालिक कुछ समय से धमकी दे रहा था। परमेश्वर के न मानने पर उसका अपहरण करवा दिया गया। फ़िर दिल्ली पुलिस उसके मालिक के साथ जाकर उसे मुम्बई से दिल्ली ले आई और अगले दिन थाने में उसकी मौत हो गई। जब पुलिस उसकी मौत की सूचना देने उसके घर गई तो मोहल्ले के नाराज लोगों ने उनकी एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटर जला दी और पुलिस वालों की पिटाई की। इसके बाद पुलिस ने अपना रंग दिखाते हुए उस मोहल्ले के महिलाओं और बच्चों तक को दौड़ा-दौड़ाकर और घरों से निकाल कर मारा और कई लोगों को गिरफ़्तार करके ले गई।
‘नौजवान भारत सभा’ ने इस पुलिसिया दमन के खिलाफ़ आवाज़ उठाते हुए ‘पुलिस दमन विरोधी मुहिम’ चलाई। नौभास ने माँग की कि परमेश्वर की हिरासत में हुई मौत की उच्चस्तरीय जाँच की जाए, दोषी पुलिस कर्मियों को तत्काल निलम्बित किया जाए और उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए, और परमेश्वर के मोहल्ले से गिरफ़्तार लोगों को तत्काल रिहा किया जाए। इसके ख़िलाफ़ 17 मार्च की शाम को करावलनगर में एक जनसभा की गई। पुलिस को बेनकाब करते हुए पर्चा बांटा गया। फ़िर हस्ताक्षर अभियान चलाकर करीब दो हजार हस्ताक्षर वाला माँगपत्रक 21 मार्च को पुलिस आयुक्त मुख्यमंत्री उपराज्यपाल, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग, को सौंपा गया।
करावलनगर, दिल्ली की जनता ने इस मुहिम को अपना भारी समर्थन दिया। कुछ समय बाद शाहदरा में एक और हिरासती मौत हुई जिसके ख़िलाफ़ जनता का आक्रोश फ़ूट पड़ा। भारी जन दबाव के चलते कुछ तबादले हुए और गिरफ़्तार लोगों में से कुछ को रिहा कर दिया गया। लेकिन यह साफ़ है कि इन तबादलों और रिहाइयों से परमेश्वर को इंसाफ़ नहीं मिलेगा। जब तक इस व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं किया जाता तब तक पुलिस का दमनकारी चरित्र बना रहेगा और कोई परमेश्वर आए दिन उसकी दरिन्दगी का शिकार होता रहेगा।।
आह्वान कैम्पस टाइम्स, जुलाई-सितम्बर 2005
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