भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के 75वें शहादत वर्ष की शुरुआत पर जगह-जगह कार्यक्रम, साईकिल जुलूस और नुक्कड़ सभाएँ
23 मार्च 2005 के दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत के 75 वर्ष पूरे हो गए। नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने इन शहीदों के सपनों का भारत बनाने के संकल्प दोहराते हुए जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, साईकिल जुलूस और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया। नौजवान भारत सभा ने नोएडा में 23 मार्च को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। संसदीय लोकतंत्र की असलियत को सामने लाने वाले नाटक ‘हवाई गोले’ का मंचन किया गया। इसके अलावा कई क्रान्तिकारी गीतों की भी प्रस्तुति हुई। क्रान्तिकारी उद्धरणों और कविताओं वाले पोस्टरों की एक प्रदर्शनी भी लगाई। यहाँ ‘जनचेतना’ ने प्रगतिशील पुस्तकों की एक प्रदर्शनी भी लगाई।
नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में एक साईकिल जुलूस निकाला। साईकिलों के आगे क्रान्तिकारी नारों और भगतसिंह के उद्धरणों की तख्तियाँ लगी हुई थीं। नौभास और ‘दिशा’ के कार्यकर्ताओं ने इस बीच नुक्कड़ों और चौराहों पर सभाएँ कीं और जनता को यह याद दिलाया कि जिस भारत का सपना भगतसिंह और उनके साथियों ने देखा था वह भारत अभी नहीं बना है और वह हर प्रकार के शोषण का खात्मा करके ही बन सकता है। इसके अलावा नौभास और ‘दिशा’ के कार्यकर्ता अपना संदेश लेकर दिल्ली में डी.टी.सी. बसों, ट्रेनों और घर-घर में गए। ये बस और ट्रेन अभियान यह रिपोर्ट लिखे जाने के समय तक जारी थे और साल भर चलते रहेंगे।
आह्वान कैम्पस टाइम्स, जुलाई-सितम्बर 2005
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