जनवरी-अप्रैल 2014
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पाठक मंच
अपनी ओर से
कारपोरेट पूँजीवादी मीडिया का वर्चस्व और क्रान्तिकारी वैकल्पिक मीडिया की चुनौतियाँ
मीडिया
पूँजीवादी कारपोरेट मीडिया का राजनीतिक अर्थशास्त्र / सनी
पूँजीवादी विज्ञापन जगत का सन्देश: ‘ख़रीदो और खुश रहो!’ / शिवानी
सोशल मीडिया के बहाने जनता, विचारधारा और तकनोलॉजी के बारे में कुछ बातें / कविता कृष्णपल्लवी
सोशल नेटवर्किंग का विस्तार / राजकुमार
यहाँ सिर्फ़ ‘पेड न्यूज़’ नहीं, बल्कि मीडिया ही पूरी तरह पेड है / योगेश
सोप ऑपेरा या तुच्छता और कूपमण्डूकता के अपरिमित भण्डार / अविनाश
फ़ेसबुक के बारे में चलते-चलाते कुछ ‘इम्प्रेशंस’ / कविता कृष्णपल्लवी
फ़्री एवं ओेपेन सोर्स सॉफ़्टवेयर आन्दोलन: कितना ‘फ़्री’ और कितना ‘ओपेन’ / आनन्द
सामयिकी
भारत का सोलहवाँ लोकसभा चुनाव: किसका, किसके लिए और किसके द्वारा / अरविन्द
बोतल बन्द पानी का गोरख धन्धा! / रोशन
चुनाव मैच रेफ़री की किसने सुनी! / नितिन
सवाल की तरह खड़ी है हक़ीक़त / प्रेमप्रकाश
रेलवे सेक्टर को भी लुटेरों के हाथों में सौंपने की तैयारी / विराट
साहित्य
बेर्टोल्ट ब्रेष्ट – दुख के कारणों की तलाश का कलाकार
कविता : लेनिन ज़िन्दाबाद / बेर्टोल्ट ब्रेष्ट
स्मृति-शेष
पीट सीगर (1919-2014) – जनता की आवाज़ का एक बेमिसाल नुमाइन्दा / विहान सांस्कृतिक टोली
रपट
पाँचवीं अरविन्द स्मृति संगोष्ठी (इलाहाबाद) की रिपोर्ट
हरियाणा के नरवाना में निर्माण मज़दूरों ने संघर्ष के दम पर हासिल की जीत
देशभर में चलाया गया चुनाव भण्डाफ़ोड़ अभियान
श्रद्धांजलि
कॉ. शालिनी: सामाजिक परिवर्तन की वैचारिक-सांस्कृतिक बुनियाद खड़ी करने को समर्पित एक ऊर्जस्वी जीवन
विविध
आह्वान’ के पाठकों से एक अपील: द्वितीय पाठक सम्मेलन की तैयारी में सहायता हेतु
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