आह्वान’ के पाठकों से एक अपील: द्वितीय पाठक सम्मेलन की तैयारी में सहायता हेतु
साथियो,
‘आह्वान’ के प्रकाशन से लेकर वितरण तक के कार्य में हमें आपका बहुमूल्य सहयोग मिलता रहा है। आपके सहयोग से ही हमने 2011 की गर्मियों में ‘प्रथम आह्वान पाठक सम्मेलन’ का आयोजन किया था। इसमें करीब डेढ़ सौ आह्वान पाठकों ने देश के अलग-अलग हिस्सों से भागीदारी की थी। जैसाकि आप सभी जानते हैं कि यह पत्रिका क्रान्तिकारी वैकल्पिक मीडिया खड़ा करने के मिशन के अंग के तौर पर निकाली जा रही है और हम इस मिशन में आपको महज़ पाठकों के तौर पर नहीं बल्कि भागीदार और हमसफ़र के तौर पर देखते हैं और हमें यक़ीन है कि आप स्वयं भी ऐसा मानते हैं। प्रथम पाठक सम्मेलन में आप सभी की जीवन्त भागीदारी, सुझावों, आलोचनाओं और टिप्पणियों की बदौलत हमने पिछले 2-3 वर्षों में आह्वान को नया स्वरूप देने के कुछ विनम्र प्रयास किये हैं। लेकिन हम जानते हैं कि हम तय मक़सद के मुताबिक़ बहुत पीछे हैं और पत्रिका के मक़सद के हिसाब से पत्रिका के ‘कलर-फ्लेवर’ को निर्धारित करने का कार्य आह्वान का सम्पादक मण्डल और युवा क्रान्तिकारी पत्रकारों की टोली अकेले नहीं कर सकती है। इसलिए हमने नवम्बर/दिसम्बर 2014 में आह्वान का ‘द्वितीय पाठक सम्मेलन’ करने का निर्णय किया है। इस बार यह सम्मेलन 3 दिनों का होगा और दिल्ली में आयोजित किया जायेगा। इस सम्मेलन में हम सभी आह्वान पाठकों को दिल से न्यौता देते हैं कि वे आयें और आज के दौर की चुनौतियों और उनके मद्देनज़र आह्वान की भूमिका को निर्धारित व पुनर्निर्धारित करने की प्रक्रिया में भागीदारी करें।
साथ ही, हम सभी पाठकों से अपील करते हैं कि इस सम्मेलन के आयोजन के लिए संसाधनों को जुटाने में हमारी सहायता करें। हम सभी सुधी पाठकों से आग्रह करते हैं कि निम्नलिखित खाते में अधिक से अधिक वित्तीय सहयोग भेजें। अगर हम अभी से संसाधन नहीं जुटायेंगे तो वर्ष के अन्त में सम्मेलन को आयोजित कर पाना सम्भव नहीं होगा; इसलिए अभी से सहयोग राशि भेजें और द्वितीय पाठक सम्मेलन के सफल आयोजन में भागीदार बनें। सहयोग राशि भेजने के साथ आह्वान कार्यालय के लैण्डलाइन नम्बर (011-64623928) पर सूचित करें।
क्रान्तिकारी अभिवादन के साथ,
आपके सहयोग की अभिलाषा में,
प्रबन्धन टोली, आह्वान
(सहयोग इस खाते में भेजें- मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, खाता नं- – 21360100010629)
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जनवरी-अप्रैल 2014
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