भारतीय विज्ञान कांग्रेस में वैज्ञानिक तर्कणा के कफ़न की बुनाई
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े सैंकड़ो संगठन तथा छदम् बुद्धिजीवी पुराणों और शास्त्रोंमें मौजूद धर्म के आवरण में लिपटी महान भौतिकवादी परंपराओं और आघ वैज्ञानिक उपलब्धियों की जगह मिथकों, कहानियों, कल्पनाओं को प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों और इतिहास के रूप में प्रस्तुत करने के अपने फासीवादी ऐजण्डे पर ज़ोर—शोर से काम कर रहे हैं। हमें भूलना नहीं चाहिए कि फासीवादियों का सबसे पहला हमला जनता की तर्कशक्ति और इतिहासबोध पर ही होता है। तर्कणा और इतिहासबोध से रिक्त जनमानस को फासीवादी ऐजण्डे पर संगठित करना हमेशा से ही आसान रहा है। यह महज़ इत्तिफाक नहीं है कि जर्मनी में हिटलर ने स्कूली पाठ्य पुस्तकों को नये सिरे से लिखवाया था। उसने जर्मन समाज की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस दिलाने का आश्वासन दिया था और जर्मनी को विश्व का सबसे ताकतवर देश बनाने का सपना दिखलाया था। आज हम अपने चारों ओर ऐसी कई चीज़ों को होते हुए देख सकते हैं।