वे इतिहास से इतना क्यों भयाक्रान्त हैं!
जेम्स लेन की किताब में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया था जो मराठा अस्मितावादी तथा संघियों के आदर्श हिन्दू राज्य के खोखले तथा तर्कविहीन आदर्शों से कतई मेल नहीं खाती थी। तब ज़ाहिर सी बात है कि जैसा हमेशा होता आया है कि राष्ट्रवादियों का राष्ट्रप्रेम जागे तथा वे प्रतिरोध करने वालों को दैहिक व दैविक ताप से मुक्ति का अभियान शुरू करें। यह फासीवाद की कार्यनीति का अभिन्न अंग है कि वह अपने सांगठनिक व राजनीतिक हितों की पूर्ति हेतु आतंक का सहारा लेता है।