अमेरिका के जनतंत्र-प्रेम की हक़ीक़त
विश्व भर में अपने आप को लोकतंत्र का रखवाला बताने वाले और मानव अधिकारों की पहरेदारी का ढोंग रचाने वाले अमेरिका का असली चेहरा अब उभर कर सामने आने लगा है। आज दुनिया भर में अमेरिकी दादागीरी इतने नंगे रूप में सामने आ चुकी है कि ‘अमेरिकी जनतंत्र’ के चेहरे पर पड़े मानवता के नक़ाब को हटाने पर अब कुछ अमेरिकी बुद्धिजीवी व मीडिया भी मजबूर है। हालाँकि, उनका स्वर अमेरिकी ज़्यादतियों के लिए माफ़ी माँगने वाला ज़्यादा, और अमेरिकी साम्राज्यवाद की पुंसत्वपूर्ण ख़िलाफ़त करने वाला कम है।