उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का जुझारू आन्दोलन
‘शिक्षामित्र’ प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर कार्यरत उन शिक्षकों की श्रेणी को कहा जाता है जिन्हें नियमित शिक्षकों के स्थान पर सालभर के ठेके पर नियुक्त किया जाता है। इनको नियुक्त करने की जिम्मेदारी किसी सरकारी महकमे की नहीं, बल्कि ग्राम पंचायतों और नगर-निगमों की होती है, और इन्हें नियमित शिक्षकों के बरक्स बेहद कम वेतनमान पर रखा किया जाता है। साथ ही ठेके पर होने के कारण इन्हें महँगाई भत्ता, पी.एफ. इत्यादि की भी कोई सुविधा नहीं दी जाती है। सालभर बाद इनकी कार्यकुशलता और काम के मूल्यांकन के अनुसार दोबारा ठेके पर रखा जा सकता है। ये लोग महज़़ उ.प्र. में नहीं बल्कि देश के ज़्यादातर राज्यों में अलग-अलग नामों के अन्तर्गत कार्यरत हैं।