बार-बार हो रही रेल दुर्घटनाओं का कारण क्या है?
इन तथ्यों की रोशनी में समझा जा सकता है कि बढ़ती रेल दुर्घटनाओं के पीछे मानवीय चूकों की जगह ढाँचागत कमियाँ ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं। रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमाम सुरक्षा उपायों का समुचित इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा है।
बढ़ती रेल दुर्घटनाओं का दूसरा प्रमुख कारण ट्रेनों के विशाल नेटवर्क को संचालित करने के लिए कर्मचरियों की कमी है। वास्तव में, नवउदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद के 32 वर्षों में और ख़ास तौर पर मोदी सरकार के पिछले 9 वर्षों में, रेलवे में नौकरियों को घटाया जा रहा है, जो नौकरियाँ हैं उनका ठेकाकरण और कैजुअलीकरण किया जा रहा है। नतीजतन, ड्राइवरों समेत सभी रेल कर्मचारियों पर काम का भयंकर बोझ है। कई जगहों पर ड्राइवरों को गाड़ियाँ रोककर झपकियाँ लेनी पड़ रही हैं क्योंकि 18-18, 20-20 घण्टे बिना सोये लगातार गाड़ी चलाने के बाद दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।