Tag Archives: केशव आनन्द

आईआईटी गुवाहाटी प्रशासन की तानाशाही

हर दौर में फ़ासीवाद कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों को अपना निशाना बनाता है, क्योंकि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए जनवादी स्पेस होते हैं, जहाँ वे खुलकर अपनी सहमति व असहमति दर्ज़ करा सकते हैं, जहाँ वे बहस कर सकते हैं, सरकार से लेकर संस्थानों की कार्यप्रणालियों पर सवाल कर सकते हैं। इस जनवादी स्पेस को ख़त्म कर फ़ासीवादी ताक़तें प्रतिरोध के स्वर को दबाने का हर मुमकिन प्रयास करती हैं। ताकि इंसाफ़पसन्द छात्र और नौजवान या तो डरकर चुप हो जायें या फिर उनके पक्ष में हो जायें। आज देशभर में इस जनवादी स्पेस को ख़त्म कर ये लोग इसी काम को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।

जनता के पैसों से आपदा में अवसर का निर्माण करतीं वैक्सीन कम्पनियाँ

मुनाफे पर टिकी इस पूँजीवादी व्यवस्था में लोगों की जान का भी सौदा किया जाता है। तमाम शोधों के पेटेण्ट, बड़ी फ़ार्मा कम्पनियों के हित में बने क़ानून और आज पूँजीपति वर्ग के मुनाफ़े को सुनिश्चित करने वाली इन सरकारों की वजह से आज वैक्सीन की शोध के बावजूद आम आबादी का बड़ा हिस्सा वैक्सीन की कमी की वजह से कोरोना संक्रमण के ख़तरे का सामना कर रहा है।

लक्षद्वीप में भाजपा का फ़ासीवादी हस्तक्षेप

भाजपा के पूर्व नेता तथा आरएसएस के क़रीबी प्रफुल खोदा पटेल पिछले साल दिसम्बर में नये लक्षद्वीप प्रशासक बनाए गए थे। जिसके बाद वे लगातार वहाँ पर आरएसएस के अल्पसंख्यक विरोधी एजेण्डे के तहत काम कर रहे हैं; आम जनता तथा स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों से मशविरा किए बिना विधान बदल रहे हैं, कानूनों को संशोधित कर रहे हैं। ये तमाम परिवर्तन तथा संशोधन जनविरोधी चरित्र के हैं। लक्षद्वीप को फ़ासीवाद की नयी प्रयोगशाला बनाया जा रहा है।