एसओएल के छात्रों का दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन
18 फ़रवरी को दिशा छात्र संगठन के नेतृत्व तले एस ओ एल के छात्रों ने दिल्ली में लोकलुभवन वायदे कर आयी आम आदमी पार्टी की सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया। एस ओ एल यानी कि स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग दिल्ली विश्वविद्यालय का पत्राचार शिक्षा विभाग है जिसमें लगभग साढे चार लाख छात्रों की बड़ी आबादी पढती है। इन छात्रों को अपनी शिक्षा सम्बन्धी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, मसलन कक्षाओं की कमी, लाइब्रेरी का न होना, कक्षाएं कम लगने की वजह से समय पर सिलेबस पूरा न होना और परीक्षा परिणाम का देर से घोषित किया जाना जिस कारण से एमए में दाख़िला न हो पाना; ये तमाम समस्याएँ हैं जिनसे छात्र जूझते रहते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर कोई कार्यवाई नहीं कर रहा है। छात्रों की समस्याओं के बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय गंभीर नहीं है क्योंकि आम घरों से आने वाले इन छात्रों को विश्वविद्यालय छात्र मानता ही नहीं है।
अपनी इन समस्याओं को लेकर ही छात्र 18 फ़रवरी के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल के पास पहुँचे जहाँ छात्रों की ओर से मुख्यमन्त्री व शिक्षामन्त्री को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें बीस नये कॉलेज खोले जाने के वायदे के ठोस कार्यक्रम की माँग के साथ-साथ सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में निवेश बढ़ाने और कॉलेजों की फीस घटाने, कक्षाओं की संख्या बढ़ाने, अवरचानागत सुविधाएँ उपलब्ध कराने, समय से सिलेबस पूरा करने, दिल्ली विश्वविद्यालय के रेगुलर कॉलेजों में इवनिंग क्लासेस लगवाने तथा परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने आदि माँगें शामिल थीं।
ज्ञापन सौपें जाने के बाद दिशा छात्र संगठन की वारुणी ने बताया कि यह प्रदर्शन तो महज एक शुरुआत है। अगर दिल्ली सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन अपना रूख बरकरार रखता है तो आगे एस ओ एल के छात्रों का माँगपत्रक आन्दोलन शुरू किया जायेगा जिसके तहत इलाक़ाई स्तर पर छात्रों-नौजवानों को एकजुट किया जायेगा।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जनवरी-अप्रैल 2015
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