पैदा हुई पुलीस तो इबलीस ने कहा…
पुलिस द्वारा स्त्रियों के बढ़ते उत्पीड़न के मामले सिर्फ़ इसी तथ्य को रेखांकित करते हैं कि समाज में शोषित-उत्पीड़ित और दमित स्त्री एक आसान निशाना या शिकार होती है। पुलिस बल ने कई मौकों पर साबित किया है कि वह देश की सबसे संगठित गुण्डा बल ही है जो व्यवस्था का रक्षक है। जनता का नहीं। जनता के कमज़ोर तबकों को दबाना तो पुलिस अपना कर्तव्य और धर्म समझती है।