पैसा दो, खबर लो : चौथे खम्भे की ब्रेकिंग न्यूज
इस बार का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव काफी चर्चा में रहा है। यहाँ पैसा दो–खबर लो का बोलाबाला रहा। प्रिण्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया ने ‘चुनावी रिपोर्टिंग’ के रूप में ग्राहक उम्मीदवारों के सामने बाकायदा ‘ऑफर’ प्रस्तुत किया। वहीं उम्मीदवारों ने भी अपनी छवि को सुधारने हेतु क्षमतानुसार धनवर्षा करने में कतई कोताही नहीं की। धनवर्षा पहले भी होती रही है। मीडिया भी जनराय बनाने में सहयोगी भूमिका निभाती रही है। लेकिन ये सारा कारोबार इतना खुल्लमखुल्ला नहीं होता था। पहले दबे–दबे रूप में यह बात सामने आती थी कि अखबार वाले पैसे लेकर खबर छापते हैं। न मिलने पर छुपाते हैं। हूबहू ऐसा ही नहीं होता लेकिन प्रधान बात तो यही है कि जिसका पैसा उसका प्रचार। लेकिन इस बार तो ‘खबर’ लगाने की बोलियाँ लगीं। बिल्कुल मण्डी में खड़े होकर ‘खबर’ नामक माल बेचते मानो कह रहे हों पैसा दो–खबर लो, कई लाख दो–कई पेज लो, करोड़ दो–अखबार लो आदि आदि।