एक बग़दाद अमेरिका के भीतर…
जिस तरह बुश प्रशासन ने एक युद्ध इराक, अफगानिस्तान और फिलिस्तीन के करोड़ों लोगों पर थोपा है, उसी तरह उसने एक युद्ध अमेरिका के भीतर ही अमेरिकी मजदूर वर्ग और आम जनता के ख़िलाफ छेड़ रखा है, आजादी के सभी संजीदा हिमायतियों, अश्वेतों, अरब मूल के लोगों, मुलैटो और चिकानो लोगों के ख़िलाफ छेड़ रखा है। अमेरिकी साम्राज्यवाद एक ऐसी मानवद्रोही ताकत है जो सिर्फ़ मध्य–पूर्व की आम जनता को ही नहीं, बल्कि अपने देश की आम जनता को भी तबाही–बरबादी के गड्ढे में धकेल रही है। यह पूरी दुनिया को बरबाद करके अपनी विशाल पूँजी के लिए मुनाफे की चरागाह में तब्दील कर देना चाहता है। इसकी सही जगह इतिहास का कूड़ेदान है। दुनिया भर के आम मेहनतकश, छात्र और नौजवान दुनिया को वाशिंगटन डी.सी. का कूड़ाघर नहीं बनने देंगे।