तूतीकोरिन क़त्लेआम- राज्य प्रायोजित हत्याकांड
जो बर्बरता 22 मई को तूतीकोरिन की सड़कों पर बरपी थी उसके तार सीधे इस देश की राज्यसत्ता पर काबिज रही दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों से जुड़ें हैं। जैसा कि बेर्टोल्ट ब्रेष्ट ने कहा था कि बर्बरता बर्बरता से पैदा नहीं होती वह उन सौदों से पैदा होती है जो इस बर्बरता के बिना सम्भव नहीं होते। तूतीकोरिन के क़त्लेआम के बाद मोदी सरकार कांग्रेस पर तो कांग्रेस मोदी सरकार पर दोष मढ़ने में मशगूल हैं। लेकिन सच क्या है उसकी पड़ताल कोई भी तर्कसंगत व्यक्ति ठोस तथ्यों से कर सकता है। हाल ही में केंद्रीय बजट का जो सत्र समाप्त हुआ था उसमें अरुण जेटली ने बड़ी चालाकी से वित्त विधेयक 2018 में एक संशोधन पास करवाया था।