यूरोप में यूनानी त्रासदी के बाद इतालवी कामदी!

सनी

इटली में भी यूरोप में लम्बे समय से चल रहे निम्न मध्य वर्ग की लहर पर सवार फाइव स्टार मूवमेन्ट ने सत्ता काबिज कर ली है। सिरिज़ा, पोदेमोस के बाद फाइव स्टार मूवमेन्ट पार्टी सत्ता में पहुँच गई है। यूरोप की ज़मीन पर अभी यूनानी त्रासदी ख़त्म भी नहीं हुई है कि इतालवी कामदी शुरू हो गयी है। दक्षिणपन्थी पार्टी लीग के साथ 4 महीने खींचतान के बाद फाइव स्टार मूवमेन्ट पार्टी सत्ता में पहुँच गई है। सत्ता में पहुँचते ही यहाँ भी वही हुआ जो ग्रीस में हुआ था, सत्ता में आने के बाद फाइव स्टार मूवमेन्ट अपने वायदों से पलट रही है। यह वायदा खिलाफी सरकार बनाने से पहले ही लीग और फाइव स्टार मूवमेन्ट के गठबन्धन कार्यक्रम बनते ही फलित हो गयी। सत्ता सँभालते ही दूसरे दिन धुर दक्षिणपन्थी लीग की नीतियों का अनुसरण करते हुए सरकार ने प्रवासियों के एक जहाज को इटली में प्रवेश नहीं करने दिया। न सिर्फ सत्ता में आने के बाद 4 महीने चली कशमकश से इटली की बुर्जुआ संसदीय प्रणाली जनता के सामने नग्न हुई बल्कि इस पार्टी ने भी अपने लोकरंजक नारों में जो वाम और दक्षिण के झुकाव थे उनमें से वाम झुकावों को समाप्त किया है। भारत में उभरी आम आदमी पार्टी की तरह ही इसके वायदे भी सभी वर्गों के लिए थे जिसमें गरीब पक्षधर वायदे सरकार बनाने से पहले ही लीग और फाइव स्टार के कार्यक्रम से गायब हो गये। साथ ही सरकार बनाने की प्रक्रिया में लीग द्वारा पेश शर्तों ने यह साफ़ कर दिया कि सरकार चलाने में उसकी मंशा क्या है। साथ ही इस दौरान इटली में भी यह बात साबित हुई है कि विश्व इतिहास के जिस मोड़ पर हम खड़े हैं वहाँ पर बुर्जुआ संसदीय जनतंत्र कमजोर पड़ता जा रहा है और वित्तीय महाप्रभुओं की इच्छा के अनुरूप दक्षिणपन्थी या फासीवादी सरकारें सत्ता में काबिज हो रही हैं। यह इस प्रकार होता है कि संकट के कारण जो वर्ग तबाह बर्बाद हो रहे हैं उनके बीच सही राजनीति के अभाव में तमाम दक्षिणपन्थी पार्टियाँ, फासीवादी पार्टियाँ निम्न मध्य वर्ग को लोकरंजक नारों और उनके संकट को दूर करने के ख़्वाब दिखाकर सत्ता में पहुँचती हैं। फासीवाद ‘अच्छे दिनों’ के सपनों के साथ मिथकों और मिथ्या दुश्मनों को पेश करता है जो उसकी फासीवादी विचारधारा के अनुरूप होती है, वहीं तमाम धुर दक्षिणपन्थी पार्टी भी इसके आसपास ऐसे ही नारों और व्यवहारवादी राजनीति का अनुपालन करते हुए जनता को मूर्ख बनाती हैं। 2008 के संकट और उसके बाद यूरोपीय सार्वभौम संकट के गहराने के कारण यूरोप में निम्न मध्यवर्गीय राजनीति की तमाम रंग की पार्टियों का उभार हुआ जिसमें सबसे वाम पर सिरिजा थी तो सबसे दक्षिण पर फाइव स्टार मूवमेन्ट। हालाँकि फाइव स्टार मूवमेन्ट ने कभी अपने को वामपन्थी नहीं कहा परन्तु इसने जनता पर किफायतसारी का विरोध किया, सार्वभौम ऋण को ख़त्म करने की बात कही और तमाम भ्रष्ट और बेईमान नेताओं की जगह जनता के भागीदारी वाले जनवाद पर आधारित राज्य की स्थापना की बात कही थी।

फाइव स्टार मूवमेन्ट की शुरुआत

इटली के इतिहस को कामदी के मोड़ पर लाकर खड़ा करने वाले इस आन्दोलन का स्थापक एक कॉमेडियन बेप्पे ग्रिल्लो था। इस आन्दोलन ने सत्ता और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ अपशब्द नामक विरोध दिवस मनाये। यह आन्दोलन मुख्यतः भ्रष्टाचार, किफायतसारी और संकट के कारण बढ़ती बेरोज़गारी व गरीबी के खिलाफ था व इसमें नेताओं की ईमानदारी की बात कही गयी। इस आन्दोलन ने एक तरफ यूरोपियन यूनियन से अलग होने की बात कही तो दूसरी ओर सम्प्रभु कर्ज को मिटा देने की बात भी की। भारत में अन्ना हजारे आन्दोलन भी कुछ ऐसा ही था। ‘इण्डिया अगेंस्ट करप्शन” के उत्पाद के तौर पर केजरीवाल की सरकार बनी तो हजारे ने इस सरकार से खुद को अलग कर लिया है वहीं बेप्पे ग्रिल्लो भी इस आन्दोलन से व पार्टी से अलग हो चुका है। सुधारवाद के कुछ छींटे लगाने के अलावा केजरीवाल सरकार ने भी अन्य सरकारों की नीतियों का अनुसरण किया। इस आन्दोलन ने भी भागीदारी जनवाद और इमानदारी पर अधिक जोर दिया व खुद को विचारधाराओं से परे बताया। इस पूरे आन्दोलन में ऑनलाइन वोटिंग के जरिये तमाम मुद्दों पर अवस्थिति प्रकट करने व उसे लागू करने का चलन था परन्तु वे कौन से मुद्दे होंगे जिनपर यह वोटिंग होगी यह आन्दोलन के नेता तय करते थे। रोम में इस आन्दोलन के तहत 8 लाख लोगों को सड़क पर उतारा परन्तु किसी भी किस्म की राजनीतिक कार्यवाही से दूर रखा। इस आन्दोलन के नेता आम हड़ताल का समर्थन नहीं करते हैं।

संसद में पहुँचकर सरकार बनाने की कशमकश

मार्च 2018 में हुए चुनावों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला व एक हंग पार्लियामेण्ट अस्तित्व में आया। जिसके बाद फाइव स्टार के साथ धुर-दक्षिणपन्थी पार्टी लीग के बीच गठबन्धन बनाने को लेकर काफी कशमकश चली। 88 दिनों तक तीन बार राष्ट्रपति द्वारा सरकार बनाने को न्योता मिला पर सरकार नहीं बन पायी। पहले लीग ने यह शर्त रखी कि बेरकोलुन्सी की दक्षिणपन्थी पार्टी को भी गठबन्धन में शामिल किया जाए। परन्तु इसपर फाइव स्टार नहीं मानी क्योंकि यह ही उन पार्टियों में एक थी जिनके खिलाफ आन्दोलन खड़ा कर फाइव स्टार ने वोट हासिल किये थे। इस राजनीतिक कशमकश में फाइव स्टार मूवमेन्ट ने दक्षिण से लेकर वाम की पार्टियों से सरकार बनाने को लेकर बातचीत की और अन्त में धुर दक्षिणपन्थी पार्टी लीग के साथ गठबन्धन कायम किया और उसके मंत्री पद प्रस्तावित किये जिसपर एक नया ड्रामा हुआ जिसने पूँजीवादी जनतंत्र की पूरी तरह बखिया उधेड़ कर रख दी। फाइव स्टार ने यूरो से बाहर निकलने के वायदे को 2018 तक दोहराना बन्द कर दिया था परन्तु फिर भी इसकी छवि यूरो के खिलाफ थी। सरकार बनाने की सहमति के बाद लीग और फाइव स्टार पार्टी की गठबन्धन सरकार के आर्थिक मंत्री के नाम पर एक ऐसे व्यक्ति का नामांकन जो पहले यूरो के खिलाफ प्रखर रूप से बोलता था राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया क्योंकि राष्ट्रपति के अनुसार इससे इटली के भविष्य को खतरा था। असल में यहाँ इटली के भविष्य से राष्ट्रपति का अभिप्राय इटली के वित्तीय प्रभु और यूरोपियन यूनियन के भविष्य को खतरा था! राष्ट्रपति ने इटली के पूँजीपतियों के आगे नतमस्तक होते हुए यह फैसला लिया और जनता द्वारा चुनी सरकार के मंत्री को ख़ारिज कर दिया। यह संसदीय संकट आगे विस्तृत नहीं हो पाया क्योंकि तुरन्त ही गठबन्धन सरकार ने नए आर्थिक मंत्री का नाम प्रस्तावित कर दिया जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी।

जिस धुर दक्षिणपन्थी लीग के साथ फाइव स्टार ने गठबन्धन बनाया है वह पहले नॉदर्न लीग थी जो दक्षिणी इटली को उत्तरी इटली के ऊपर जोंक बताती थी व इटली के झण्डे को भी स्वीकार नहीं करती थी परन्तु 2018 के चुनाव के वक्त तक इसने मुख्य निशाना प्रवासियों को बनाया और इस पार्टी ने मुख्य तौर पर किफायतसारी के खिलाफ प्रचार किया।

वायदों से पलटना

2008 से फाइव स्टार मूवमेन्ट ने जितने वायदे किये उनसे वह सरकार में आने से पहले ही पलट चुका है। सत्ता में आने की कशमकश ने संसदीय जनतंत्र को हास्यास्पद बना दिया है। ऊपर से राष्ट्रपति द्वारा आर्थिक मंत्री का नाम ख़ारिज कर देना इसे और अधिक हास्यपूर्ण बना देता है। प्रधानमंत्री कोंटे जी7 की बैठक में शामिल होकर आये हैं और ‘न जाने क्यों’ ट्रम्प इनकी काफी तारीफ़ कर रहा है। हालाँकि ये रोज़ टैक्सी से अपने दफ्तर जा रहे हैं जिसपर तमाम बुद्धिजीवी हाय हाय कर रहे हैं! परन्तु ये उन वायदों पर चुप हैं जो फाइव स्टार ने चुनाव से पहले किये थे। इनकी टैक्सी घुमाई और ट्रम्प को दीवाना बना देने की अदाओं से इतर आइये फाइव स्टार मूवमेन्ट की वायदा खिलाफी को देखें जिससे इनकी राजनीति की ट्रेजेक्टरी स्पष्ट है। फाइव स्टार मूवमेन्ट जनता के समक्ष एक विकल्प पेश कर रहा था और चुनाव में इसके नेताओं ने वायदे किये कि यह जनता के गरीब तबके को वेतन देगा, इटली पर सम्प्रभु उधार को ख़त्म कर देगा, यूरोपियन यूनियन से अलग हट जाएगा, किफ़ायतसारी की नीतियों के तहत पेंशन में कटौती के कानून फोरेंसो बिल को ख़त्म करना, श्रम कानूनों को लचीला बनाने के खिलाफ कदम उठाना आदि। लीग किफायतसारी के अलावा सभी प्रवासियों को इटली से बाहर फेंकने और उनका प्रवेश रोकने की बात कर रही थी। लीग के साथ फाइव स्टार ने गठबन्धन में जो कार्यक्रम बनाया उसमें अपने प्रमुख वायदों से फाइव स्टार पीछे हट चुकी है। सरकार द्वारा उधार को मिटा देने की बात नए कार्यक्रम से ही गायब हो गयी है। पेंशन कानून के बारे में सरकार कह रही है कि इसे ख़त्म नहीं किया जाएगा बस इसे ठीक किया जायेगा। श्रम कानूनों में बदलाव पर भी कार्यक्रम में चुप्पी है।

कुल मिलकर कहें तो यह कि यह बेहद नग्न तरीके से वायदों की सूचि को फाड़ चुके हैं और इटली के वित्तीय महाप्रभुओं की नीतियों का ही अनुसरण कर रहे हैं पर जनता को दिखने के लिए टैक्सी में घूमते हैं। खैर,अभी इटली में निम्न मध्य वर्गीय राजनीति किस किस्म के हास्यास्पद दृश्य तक ले जाती है यह वक्त बताएगा परन्तु यह तय है कि सही विकल्प के अभाव में यह राजनीति आने वाले समय में धुर दक्षिणपन्थी और फासीवादी पार्टियों के लिए ही रास्ता साफ़ करेगी।

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान,मई-जून 2018

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