शहीद-ए-आज़म भगतसिंह के जन्मदिवस (28 सितम्बर) के अवसर पर रोहतक में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
पाँच दिन तक चले इस अभियान के दौरान वक्ताओं ने विस्तारपूर्वक लोगों से अपनी बात साझा की। अभियान के दौरान वक्ताओं ने बताया कि भगतसिंह और उनके साथियों के लिए आज़ादी की लड़ाई का मतलब था; क्रान्ति के द्वारा मेहनतकश जनता का राज स्थापित करना, जिसमें उत्पादन, राजकाज और समाज के पूरे ढाँचे पर आम मेहनतकश जनता काबिज हो। अपने क्रान्तिकारी संगठनों ‘एच.आर. ए.’, ‘एच. एस.आर.ए.’ और नौजवान भारत सभा के घोषणापत्रों में, अदालतों में दिये गये बयानों में, लेखों और जेलों से भेजे गये सन्देशों में भगतसिंह और उनके साथियों ने बार-बार इस बात को साफ़ किया था कि वे लोग मेहनतकशों के राज के हिमायती थे।