अब हर हाथ में फउन होगा!
पिछले कुछ साल के दौरान रिकार्डतोड़ घोटाले हुए। लाखों टन अनाज सड़ गया पर लोग भूख से मरते रहे। स्वास्थ्य सेवा के अभाव में भी कई लोग मारे गये। अच्छे स्कूल नहीं होते जिसमें गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो सके। बड़ी आबादी के सिर के ऊपर छत नहीं है। ऐसे में, जनता को मोबाइल नहीं जीवन की बुनियादी ज़रूरतें चाहिए। लेकिन सरकार भी यह योजना इसलिए लेकर नहीं आयी है कि कोई वास्तविक समस्या हल हो। वह तो इस योजना को महज़ इसलिए लेकर आयी है कि व्यवस्था का भ्रम कुछ और दीर्घजीवी हो जाये। लेकिन हताशा में उठाये गये ऐसे कदमों से कोई भ्रम भी नहीं पैदा होगा और ग़रीबी, बेघरी और भुखमरी का दंश झेल रही जनता इसे अपने साथ एक भद्दा मज़ाक ही समझेगी। जिन नौजवानों को यह बात समझ में आती है, उन्हें जनता के बीच उतरकर इस सच्चाई को समझाना चाहिए।