फ़ासीवाद, जर्मन सिनेमा और असल ज़िन्दगी के बारे में जर्मनी के प्रचार मंत्री, डॉक्टर गोएबल्स को खुला पत्र
आपकी हिम्मत कैसे हुई अपने सिनेमा से जीवन के यथार्थ का सच्चा चित्रण करने का आह्वान करने की जबकि उसका पहला कर्तव्य होना चाहिए चीख-चीख कर पूरी दुनिया को उन हज़ारों-लाखों लोगों के बारे में बताना जो आपकी जेलों की काल-कोठरियों में सड़ रहे हैं जिनका उत्पीड़न कर आपके यातना शिविरों में मौत के घाट उतरा जा रहा है?