भगतसिंह ने कहा
समाज का प्रमुख अंग होते हुए भी आज मज़दूरों को उनके प्राथमिक अधिकार से वंचित रखा जा रहा है और उनकी गाढ़ी कमाई का सारा धन शोषक पूँजीपति हड़प जाते हैं। दूसरों के अन्नदाता किसान आज अपने परिवार सहित दाने-दाने के लिए मुहताज हैं…-इसके विपरीत समाज के जोंक पूँजीपति ज़रा-ज़रा सी बातों के लिए लाखों का वारा-न्यारा कर देते हैं।