छात्रों के जनवादी अधिकारों पर एक ख़तरनाक हमला
कहने के लिए लिंगदोह कमेटी के सुझावों का मक़सद छात्र राजनीति की सफाई करना है और उसे राजनीतिक कुरीतियों से बचाना है। लेकिन दरअसल यह छात्र राजनीति को साफ करने के नाम पर साधारण छात्रों की व्यापक आबादी को राजनीति से दूर करने की साजिश है। यह छात्रों के जनवादी अधिकारों पर हमला है। जिस तरह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आचार संहिता का तमाम चुनावी पार्टियों और अपराधी उम्मीदवारों के लिए कोई मतलब नहीं है और आचार संहिता के प्रावधानों से बच निकलने के चोर रास्ते तलाश लिये जाते हैं, उसी तरह छात्र संघ चुनावों में भी ये सुझाव छात्र राजनीति को तो साफ नहीं कर पायेंगे, हाँ, छात्रों के वास्तविक प्रतिनिधियों के लिए छात्र संघ के मंच का इस्तेमाल कर पाना जरूर थोड़ा और मुश्किल बना देंगे। और यही इन सिफारिशों का असली मक़सद भी है।