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आधुनिक भारत की प्रथम शिक्षिका और महान सुधारक सावित्रीबाई फुले की विरासत को आगे बढ़ाओ!

हम जिन समाज सुधारकों के सबसे अधिक ऋणी हैं, उनमें दो नाम ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के भी हैं। फुले दम्पति जीवन भर जनता की सेवा में तत्पर रहे और कई मायनों में इन्होंने समाज को नया रास्ता दिखाया। महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगाँव में 3 जनवरी 1831 को सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था। चलिए इन महान शख्सियत के बारे में थोड़ा जानते हैं और उनके कार्यों की महत्ता पर कुछ विचार करते हैं।

क्या भारत में धर्मनिरपेक्षता अब सिर्फ़ काग़ज़ पर ही है?

धर्म और आस्था किसी का भी निजी मसला हो सकता है किन्तु उसमें राज्य की या उसके सत्ता प्रतिष्ठानों की किसी भी रूप में कोई दखलन्दाजी नहीं होनी चाहिए। धर्मनिरपेक्षता या सेक्युलरिज्म का असली अर्थ है धर्म और राजनीति का पूर्ण विलगाव और राज्य व सत्ता प्रतिष्ठानों की धार्मिक मसलों से सुनिश्चित दूरी। कहने के लिए भारत भी एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन हमारे यहाँ पर सत्ता की खातिर धार्मिक मुद्दों को बेतहाशा भुनाया जाता रहा है।

हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था पर सरकारी हमला

हरियाणा की खट्टर-दुष्यन्त के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा ठगबन्धन सरकार प्रदेश के 450 स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई बन्द करने जा रही है। यह क़दम बच्चों की कम संख्या के नाम पर उठाया जा रहा है। होना तो यह चाहिए था कि सरकारी मशीनरी द्वारा प्रचार करके और पढ़ाई का स्तर सुधारकर सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या और फिर स्कूलों की संख्या को भी बढ़ाया जाता किन्तु यहाँ यह जनविरोधी सरकार विभिन्न संकायों की पढ़ाई और स्कूलों को ही बन्द करने पर तुली हुई है! हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था लगातार सरकारी हमले की चपेट में है। मोटे तौर पर हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था पर हमला कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय में ही होना शुरू हो गया था। खट्टर सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल से ही शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।