18 दिन तक चली हरियाणा रोडवेज की ऐतिहासिक हड़ताल जनता पर निजीकरण के रूप में किये गये सरकारी हमले का जवाब देने में कहाँ तक कामयाब रही?
रोडवेज कर्मचारियों के संघर्ष का इतिहास लम्बा है। यदि मौजूदा कुछ संघर्षों की बात की जाये तो 5 सितम्बर को हड़ताल पर गये कर्मचारियों पर सरकार ने एस्मा एक्ट (Essentia। Services Maintenance Act) लगा दिया था। हड़ताल पर गये कर्मचारियों को पुलिस के द्वारा प्रताड़ित किया गया तथा कइयों को नौकरी से निलम्बित (सस्पेण्ड) कर दिया। जनता के हक़ में खड़े कर्मचारियों पर सरकार दमन का पाटा चलाती रही है। 10 सितम्बर को भी विधानसभा का घेराव करने जा रहे 20 हज़ार कर्मचारियों को जिनमें रोडवेज कर्मचारी भी शामिल थे का पुलिस द्वारा भयंकर दमन किया गया। पंचकुला में उनका स्वागत लाठी, आँसू गैस, पानी की बौछारों के साथ किया गया।