‘सर! आप क्या बेच सकते हैं?’
पूँजीवादी युग में आपकी उपयोगिता में चार–चाँद लग जाते हैं, अगर आप कुछ बेच सकें। चाहें अच्छे गायक होने के चलते, चाहे अच्छे एक्टर होने के चलते; और अगर आप खिलाड़ी हैं तब तो कहने ही क्या! बस आप अच्छा खेलते रहिये और बेचते रहिये
पूँजीवादी युग में आपकी उपयोगिता में चार–चाँद लग जाते हैं, अगर आप कुछ बेच सकें। चाहें अच्छे गायक होने के चलते, चाहे अच्छे एक्टर होने के चलते; और अगर आप खिलाड़ी हैं तब तो कहने ही क्या! बस आप अच्छा खेलते रहिये और बेचते रहिये