लखनऊ में नौजवान भारत सभा और स्त्री मुक्ति लीग के नेतृत्व में प्रधानाचार्या के कार्यालय का घेराव
लखनऊ के खदरा इलाक़े में स्थित डीनोवो पब्लिक स्कूल द्वारा ‘शिक्षा का अधिकार’ (आरटीई) के तहत भर्ती छात्रों से परीक्षा शुल्क वसूलने के विरोध में नौजवान भारत सभा और स्त्री मुक्ति लीग के नेतृत्व में अभिभावकों ने स्कूल की प्रधानाचार्या के कार्यालय का घेराव किया। ग़ौरतलब है कि कोरोना महामारी की सबसे बुरी मार मेहनतकश आबादी पर पड़ रही है। केन्द्र में बैठी मोदी सरकार नयी शिक्षा नीति के माध्यम से गरीबों को स्कूलों कॉलेजों से दूर धकेलने का इंतजाम कर चुकी है। वही प्राइवेट स्कूल भी इस महामारी का फायदा उठाकर ऑनलाइन शिक्षा ने नाम पर अभिभावकों को ठग रहे है। आरटीई के तहत भर्ती छात्रों से किसी भी प्रकार की फ़ीस लेने का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन परीक्षा के नाम पर स्कूल का प्रबन्धन आरटीई के तहत भर्ती छात्रों को भी लूटने पर आमादा था।। जो छात्र परीक्षा शुल्क नहीं दे रहे थे उन्हें परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका नहीं दिये जा रहे थे। स्कूल प्रबन्धन का यह कहना था कि चूँकि सरकार की ओर से इस साल पैसे नहीं आए इसलिए वे छात्रों से ले रहे हैं। पिछले कई दिनों से कुछ अभिभावक स्कूल प्रबन्धन से आरटीई छात्रों से परीक्षा शुल्क न लेने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन स्कूल प्रबन्धन बिना फ़ीस लिए छात्रों को परीक्षा में शामिल होने देने से इन्कार कर रहा था। इसके बाद अभिभावकों ने इलाक़े के जनकार्यों में सक्रिय स्त्री मुक्ति लीग और नौजवान भारत सभा से सम्पर्क किया। स्त्री मुक्ति लीग और नौजवान भारत सभा के नेतृत्व में अभिभावकों ने स्कूल की प्रधानाचार्य का घेराव किया और इस अवैध वसूली को तत्काल बन्द करके आरटीई के छात्रों को बिना किसी परीक्षा शुल्क के परीक्षा में शामिल करके प्रश्नपत्र देने की माँग की। पहले तो प्रधानाचार्य ने ना-नुकुर करते हुए कोरोना काल में स्कूल के आर्थिक संकट की दुहाई दी। लेकिन बाद में जनदबाव के आगे उसे झुकना पड़ा और छात्रों को बिना किसी परीक्षा शुल्क के प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका देने पर मजबूर होना पड़ा।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, नवम्बर 2020-फ़रवरी 2021
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