शार्क और छोटी मछलियां

बेर्टोल्‍ट ब्रेष्ट

“यदि शार्क मनुष्‍य हो जाएं तो क्‍या वे छोटी मछलियों से भला व्‍यवहार करेंगी?” श्रीयुत के. की मकानमालकिन की छोटी पुत्री ने उनसे पूछा। ‘अवश्‍य’, उसने उत्‍तर दिया, यदि शार्क मनुष्‍य हो जाएं तो वे छोटी मछलियों के लिए मजबूत बक्‍से बनवा देंगी। उन बक्‍सों में वे सब प्रकार के भोजन तथा पौधे और नन्‍हें जानवर रख देंगी। वे इस बात का बराबर ध्‍यान रखेंगी कि बक्‍सों को ताजा पानी मिलता रहे तथा मछलियों की स्‍वच्‍छता और स्वास्थ्य के प्रबन्ध बने रहें। उदाहरण के लिए, यदि कोई छोटी मछली अपना पंख घायल कर ले तो उसकी तुरन्त मरहम पट्टी की जाएगी ताकि यह समय से पूर्व मरकर शार्कों के लिए असुविधा का कारण न बने। छोटी मछलियां कभी उदास न हों, इसलिए समय-समय पर विशाल जलसे और भोज होंगे क्योकि प्रसन्न मछलियां उदास मछलियों की तुलना में अधिक स्वादिष्ट होती हैं।
उन विशाल बक्सों में मदरसे भी अवश्य ही होंगे। वहाँ छोटी मछलियां तैरते हुए शार्कों के मुँह में प्रवेश कर जाने की शिक्षा लेंगी। उदाहरण के लिए, उन्हें शिक्षा में भूगोल की आवश्यकता भी पडेगी ताकि वे आस-पास विश्राम करती हुई शार्कों को जब ज़रूरी हो खोज सके। स्वाभाविक रूप से शिक्षा का मुख्य विषय छोटी मछलियों को नैतिक पाठ होगा। उन्हें सिखाया जाएगा कि सबसे शानदार और सबसे सुन्दर बात यह है कि छोटी मछली बाखुशी अर्पित कर दे, तथा यह कि उन्हें सदैव शार्कों पर विश्वास करना चाहिए-सबसे अधिक उस वक्त जब शार्क यह कहें कि वे उनके लिए सुनहले भविष्य का निर्माण करेंगी। छोटी छलियों को जब यह बताया जाएगा कि यह सुनहला भविष्य तभी सुनिश्चित होगा जब वे अनुशासन और आज्ञाकारिता सीखे। उन्हें सभी तामसिक, भौतिक और मार्क्‍सवादी प्रवृत्तियों से बचना होगा और उनमें से कोई भी इन प्रवृत्तियों की तरफ जाने का संकेत देती हो तो तुरन्त उन्हें शार्कों को सूचित करना होगा। …..

यदि शार्क मनुष्य हो जाएं तो फिर समुद्र तल में कला भी ज़रूर मौजूद होगी। दमदमाते रंगों में शार्कों के दांतों के खूबसूरत चित्र होंगे, उनके मुँह और कण्‍ठ के चित्र खेल मैदानों जैसे होंगे, जहाँ लुढका जा सके, खेला जा सके। समुद्रतल पर नाट्य ग्रहों में नाटक दिखाए जाएंगे जिनमें बहादुर छोटी मछलियों को सोत्साह शार्कों के गलों में तैर कर उतरते हुए दिखाया जाएगा तथा संगीत इतना मादक-मधुर होगा कि उनके स्वर छोटी मछलियों को गिरिजा घरों के स्वप्न में ले जाएंगे और अत्यन्त उल्लासपूर्ण विचारों से भरी हुई वे शार्कों के गले में उतर जाएंगी।

धर्मं भी अवश्य होगा…। यह उन्हें सिखाएगा कि सच्‍चा जीवन शार्कों के उदर से ही आरम्भ होता है और यदि शार्क मनुष्य हो जाएं तो छोटी मछलियों आज की तरह समान नहीं रहेगी, उनमें से कुछ को पद देकर दूसरों से ऊपर कर दिया जाएगा। कुछ बड़ी मछलियों को छोटी मछलियों को खाने तक की इजाज़त दे दी जाएगी। यह शार्कों के लिए आनन्‍ददायक होगा क्योंकि फिर उन्हें निगलने के लिए बड़े ग्रास मिलेंगे और छोटी मछलियों से से सबसे महत्वपूर्ग जिनके पास पद होगे, वे छोटी मछलियों को व्यवस्थित करेंगी। वे शिक्षक, अधिकारी, बक्से बनाने वाली इंजीनियर आदि बनेंगी। संक्षेप में, समुद्र में संस्कृति तभी होगी जब शार्क मनुष्य के रूप में हो।

If Sharks were Men

Bertolt Brecht

“If sharks were men,” Mr. Keuner was asked by his landlady’s little girl, “would they be nicer to the little fishes?”

“Certainly,” he said. “If sharks were men, they would build enormous boxes in the ocean for the little fish, with all kinds of food inside, both vegetable and animal. They would take care that the boxes always had fresh water, and in general they would make all kinds of sanitary arrangements. If, for example, a little fish were to injure a fin, it would immediately be bandaged, so that it would not die and be lost to the sharks before its time. So that the little fish would not become melancholy, there would be big water festivals from time to time; because cheerful fish taste better than melancholy ones.

“There would, of course, also be schools in the big boxes. In these schools the little fish would learn how to swim into the sharks’ jaws. They would need to know geography, for example, so that they could find the big sharks, who lie idly around somewhere. The principal subject would, of course, be the moral education of the little fish. They would be taught that it would be the best and most beautiful thing in the world if a little fish sacrificed itself cheerfully and that they all had to believe the sharks, especially when the latter said they were providing for a beautiful future. The little fish would be taught that this future is assured only if they learned obedience. The little fish had to beware of all base, materialist, egotistical and Marxist inclinations, and if one of their number betrayed such inclinations they had to report it to the sharks immediately.

“If sharks were men, they would, of course, also wage wars against one another, in order to conquer other fish boxes and other little fish. The wars would be waged by their own little fish. They would teach their little fish that there was an enormous difference between themselves and the little fish belonging to the other sharks. Little fish, they would announce, are well known to be mute, but they are silent in quite different languages and hence find it impossible to understand one another. Each little fish that, in a war, killed a couple of other little fish, enemy ones, silent in their own language, would have a little order made of seaweed pinned to it and be awarded the title of hero.

“If sharks were men, there would, of course, also be art. There would be beautiful pictures, in which the sharks’ teeth would be portrayed in magnificent colors and their jaws as pure pleasure gardens, in which one could romp about splendidly. The theaters at the bottom of the sea would show heroic little fish swimming enthusiastically into the jaws of sharks, and the music would be so beautiful that to the accompaniment of its sounds, the orchestra leading the way, the little fish would stream dreamily into the sharks’ jaws, lulled by the most agreeable thoughts.

“There would also be a religion, if sharks were men. It would preach that little fish only really begin to live properly in the sharks’ stomachs.

“Furthermore, if sharks were men there would be an end to all little fish being equal, as is the case now. Some would be given important offices and be placed above the others. Those who were a little bigger would even be allowed to eat up the smaller ones. That would be altogether agreeable for the sharks, since they themselves would more often get bigger bites to eat. And the bigger little fish, occupying their posts, would ensure order among the little fish, become teachers, officers, engineers in box construction, etc.

“In short, if sharks were men, they would for the first time bring culture to the ocean.”

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