हज़ारों इंसाफ़पसन्द लोगों ने दी बहादुर शहनाज़़ को भावभीनी श्रद्धांजलि
ढण्डारी (लुधियाना) बलात्कार व क़त्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी के आह्वान पर 28 दिसम्बर को कड़ाके की सर्दी व सरकार द्वारा पूरे ढण्डारी इलाक़े को पुलिस छावनी में बदलकर दहशत का माहौल खड़ा करने के बावजूद हज़ारों लोगों के विशाल जनसमूह ने अपहरण, बलात्कार, मिट्टी का तेल डालकर जलाए जाने के दिल दहला देने वाले जुल्मों का शिकार व गुण्डा गिरोह के ख़िलाफ़ जूझती हुई मर-मिटने वाली बहादुर शहनाज़़ को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शहनाज़ के पिता पिता मोहम्मद इलियास, माता हुशनियारा खातून और अन्य रिश्तेदारों सहित संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने शहनाज़़ की तस्वीर पर फूलों का हार पहनाकर श्रद्धांजलि समागम की शुरुआत की। लोगों ने शहनाज़़ की याद में दो मिनट का मौन रखा और “बहादुर शहनाज़़ अमर रहे”, “बलात्कारियों कातिलों को फाँसी दो”, “लोक एकता ज़िन्दाबाद”, “गुण्डाराज मुर्दाबाद”, “पंजाब सरकार मुर्दाबाद” आदि गगनभेदी नारों से गुण्डाराज को ललकारा। शहनाज़़ को इंसाफ़ दिलाने के लिए, दोषियों को फाँसी के लगवाने, दोषी पुलिस अफसरों को सख्त से सख्त सजा करवाने का संकल्प लिया गया और इस खातिर संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया। गुण्डागर्दी ख़ासकर राजनीतिक सरपरस्ती में पलने वाली गुण्डागर्दी को जड़ से मिटाने के लिए जनान्दोलन खड़ा करने का संकल्प लिया गया। क्रान्तिकारी सांस्कृतिक मंच ‘दस्तक’ ने शहनाज़़ को समर्पित जुझारू गीत पेश किये।
वक्ताओं ने कहा कि शहनाज़ जुल्म के सामने घुटने न टेकने की एक मिसाल है। वह स्त्रियों पर अत्याचारों के ख़िलाफ़ संघर्ष का एक प्रतीक है। वक्ताओं ने कहा कि हालांकि सरकारी मशीनरी बलात्कारियों-कातिलों के बचाव में लगी हुई है लेकिन जनएकता के दम पर शहनाज़़ और उसके परिवार को इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा।
श्रद्धांजलि समागम को पंजाब स्टूडेण्टस यूनियन (ललकार) के संयोजक छिन्दरपाल, नौजवान भारत सभा के नेता कुलविन्दर, बिगुल मज़दूर दस्ता के विश्वनाथ, कारख़ाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविन्दर, टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर, व स्त्री मुक्ति लीग की नमिता ने सम्बोधित किया। इनके अलावा श्रद्धांजलि समागम को मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन के अध्यक्ष हरिज़न्दर सिंह, टेक्नीकल सर्विसिज यूनियन के ज़मीर, अखिल भारतीय नेपाली एकता मंच के विनोद कुमार, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन के अध्यक्ष विजय नारायण आदि ने सम्बोधित किया।
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