तीन दिवसीय क्रान्तिकारी जनजागृति यात्रा

नौजवान भारत सभा व दिशा छात्र संगठन की 15 सदस्यीय युवा टोली द्वारा हरियाणा के नरवाना (जीन्द) से कलायत (कैथल) तक तीन दिवसीय क्रान्तिकारी जनजागृति यात्रा  निकाली गयी। 3 से 5 दिसम्बर तक नौजवान टोली ने साईकिलों द्वारा लगभग 60  किलोमीटर का फासला तय किया। क्रान्तिकारी जनजागृति यात्रा का मकसद शहीदों के सपनों को आम जनता तक पहुँचाना था। इस दौरान पर्चे बाँटे गये, क्रान्तिकारी साहित्य वितरित किया गया तथा नुक्कड़ सभाएँ व नुक्कड़ नाटक किये गये।

नौजवान भारत सभा के सदस्यों ने क्रान्तिकारी लोकस्वराज्य का नारा देते हुए बताया कि 64 वर्षों की आजादी की बैलेंसशीट साफ़ तौर पर यह दिखाती है कि देश की मेहनतकश जनता के लिए यह अधूरी आज़ादी थी। आज़ादी के मायने लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की गारण्टी होता है। यात्रा के पहले दिन यह दस्ता नरवाना से चलकर ढाकल व हथो गाँवों में नुक्कड़ सभाएँ करते व पर्चे वितरित करता हुआ सीमला गाँव पहुँचा। सभा के समापन के पश्चात सीमला गाँव की चौपाल में शाम को क्रान्तिकारी गीतों व नाटक. ‘समरथ को नहीं दोष गुसाई’ का मंचन किया गया। नाटक को देखने के लिए गांव के लगभग 300 लोग आये। नाटक में मदारी और जमूरे के खेल में देश के नेताओं, पुलिस, सेठों की असलियत को सामने रखा गया। 4 दिसम्बर को कलायत कस्बे की अनाज मण्डी में काम कर रहे मज़दूरों के बीच जनसभा व पर्चा वितरण किया गया। सभा की शुरुआत क्रान्तिकारी गीत – ‘तोड़ो बन्धन तोड़ो’ से हुई। अनाज मण्डी के पश्चात यह साईकिल टोली रामगढ़ होते हुए चौशाला गाँव पहुँची जहाँ पर दलित बस्ती में जनसभा आयोजित की गई। सभा के बाद ये साईकिल यात्रा वापस कलायत होते हुए शाम को नरवाना पहुँची।

यात्रा के तीसरे दिन नरवाना शहर के भगतसिंह चौक से शहीदे-आजम भगतसिंह की मूर्ति पर मालयार्पण करके जनसभाओं की शुरुआत की गई। नरवाना के आई.टी.आई व पॉलीटेक्निक के परिसर में छात्रों के शहीद भगतसिंह के विचारों तथा आज के मौजूदा हालात से परिचित कराया गया। छात्रों के बीच भगतसिंह की पुस्तिकाएँ तथा आह्नान पत्रिका की प्रदर्शनी भी लगाई। यहाँ के नौजवानों ने उत्साहपूर्वक नौभास से जुड़ने के लिए अपने नाम व पते दिऐ।

इसके बाद यात्रा टोली नरवाना के सरकारी कॉलेज पहुँची जहाँ कॉलेज प्रशासन के विरोध के बावजूद कॉलेज गेट पर ही सभा का आयोजन किया गया तथा क्रान्तिकारी गीतों की प्र्रस्तुति के साथ पर्चों का वितरण किया गया। सभा में 100 से ज्यादा छात्र जुटे रहे।

नौजवान भारत सभा के रमेश ने बताया कि आज जनता विकल्प के लिए तड़प रही है। मौजूदा व्यवस्था से उसका भरोसा उठ चुका है और विकल्पहीनता की स्थिति में वह कभी इस तो कभी उस चुनावी दल को वोट देती है। यदि आज एक सही इंकलाबी विकल्प जनता के सामने पेश किया जाय, तो निश्चित रूप से जनता उसके साथ खड़ी होगी। यात्रा के संयोजक अभिनव ने छात्रों के बीच सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के 63 वर्ष बीतने के बावजूद भी देश की तकरीबन 80 पफ़ीसदी आबादी गरीबी भुखमरी, अशिक्षा, कुपोषण व मंहगाई से जूझ रही है। देश की 77 प्रतिशत आबादी रुपये 20 प्रतिदिन या उससे कम की आय पर गुज़र-बसर कर रही है, 27 करोड़ लोग बेरोज़गार घूम रहे हैं, 2010 से अब तक करीब सवा दो लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली है और न जाने कितने अपनी जगह जमीन से उजड़कर मुफलिसी की जिन्दगी बिता रहे है। देश में भुखमरी का यह आलम है कि रोज 9000 बच्चे भूख व कुपोषण से दम तोड़ रहे है वहीं दूसरी तरफ लाखों टन अनाज गोदामों में सड़ जाता है। हर जगह लोगों ने नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई। इस यात्रा का नागरिकों, नौजवानों, मज़दूरों, छात्रों और महिलाओं ने जमकर सहयोग किया और यात्रा टोली साथ अपनी एकजुटता दिखाई।

 

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, नवम्‍बर-दिसम्‍बर 2011

 

'आह्वान' की सदस्‍यता लें!

 

ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीआर्डर के लिए पताः बी-100, मुकुन्द विहार, करावल नगर, दिल्ली बैंक खाते का विवरणः प्रति – muktikami chhatron ka aahwan Bank of Baroda, Badli New Delhi Saving Account 21360100010629 IFSC Code: BARB0TRDBAD

आर्थिक सहयोग भी करें!

 

दोस्तों, “आह्वान” सारे देश में चल रहे वैकल्पिक मीडिया के प्रयासों की एक कड़ी है। हम सत्ता प्रतिष्ठानों, फ़ण्डिंग एजेंसियों, पूँजीवादी घरानों एवं चुनावी राजनीतिक दलों से किसी भी रूप में आर्थिक सहयोग लेना घोर अनर्थकारी मानते हैं। हमारी दृढ़ मान्यता है कि जनता का वैकल्पिक मीडिया सिर्फ जन संसाधनों के बूते खड़ा किया जाना चाहिए। एक लम्बे समय से बिना किसी किस्म का समझौता किये “आह्वान” सतत प्रचारित-प्रकाशित हो रही है। आपको मालूम हो कि विगत कई अंकों से पत्रिका आर्थिक संकट का सामना कर रही है। ऐसे में “आह्वान” अपने तमाम पाठकों, सहयोगियों से सहयोग की अपेक्षा करती है। हम आप सभी सहयोगियों, शुभचिन्तकों से अपील करते हैं कि वे अपनी ओर से अधिकतम सम्भव आर्थिक सहयोग भेजकर परिवर्तन के इस हथियार को मज़बूती प्रदान करें। सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग करने के लिए नीचे दिये गए Donate बटन पर क्लिक करें।