मौलाना एम.ए.के.एम. मेडिकल कॉलेज व यू.सी.एम.एस. में विहान का सांस्कृतिक कार्यक्रम
विहान सांस्कृतिक टोली की तरफ से दो मेडिकल कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक देख फकीरे लोकतंत्र का फूहड़ नंगा नाच का मंचन किया गया। मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर मेडिकल सांइस के छात्र-छात्राओं ने नाटक द्वारा भारतीय संसद व्यवस्था का भण्डाफोड़ ख़ासा पसन्द किया। ‘विहान’ ने कार्यक्रम की शुरूआत ‘जय श्रीराम जयश्रीराम आलू प्याज के इतने दाम’ गीत से की। नाटक की प्रस्तुति क दौरान करीब 100 से ज़्यादा छात्र-टीचर-कर्मचारी उपस्थित रहे।
‘साइन्टिस्ट्स फॉर सोसाइटी’ के सनी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुये बताया कि संसद महज बहसबाज़ी का अड्डा है और असल में सरकार, पूँजीपतियों की मैनेजिंग कमेटी है जो पूँजीपतियों की चाकरी के लिए ही बैठी है और चुनाव की नौंटकी में चुनावी पार्टियों के बीच सिर्फ इस बात का झगड़ा होता है कि अगले पाँच साल जनता को लूटने के लिए लूटरों का कौन सा गिरोह बैठेगा। इसलिए ऐसे कठिन दौर में हर सच्चे नौजवान के सामने एक ही रास्ता है कि वह सिर्फ अपने कैरियर को सिक्कों में बदलने के बजाय, ऐसे समाज को बदलने की लड़ाई में शामिल हो। वैसे भी डाक्टर की डिग्री देते वक्त जो ‘शपथ’ दिलाई जाती है उसमें ‘जनता की सेवा’ करना प्रथम कर्तव्य बताया जाता है। लेकिन पूँजीवादी समाज में डाक्टरी का पेशा भी मुनाफे की बलि चढ़ गया है जहाँ डाक्टरों को सिर्फ पैसे कमाने की शिक्षा दी जाती है। इसलिए एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिये हर व्यक्ति को जुटना होगा। भगतसिंह के बताये रास्ते, इंकलाब के रास्ते ही सही मायने में बदलाव सम्भव है। इसके बाद विहान तथा साइन्टिस्ट्स फॉर सोसाइटी द्वारा पर्चे बाँटे गये।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, नवम्बर-दिसम्बर 2011
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