दिशा व नौभास द्वारा पाँच दिवसीय ‘युवा रचनात्मकता शिविर’ का आयोजन
दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा ने 20 से 24 मई तक पाँच दिनों के युवा रचनात्मकता शिविर का दिल्ली में आयोजन किया। यह शिविर बुद्ध विहार नामक इलाके के एक स्कूल में आयोजित किया गया। इसमें करीब 30 नौजवानों और छात्रों ने हिस्सा लिया जो दिशा व नौभास से जुड़े रहे हैं। शिविर के दौरान छात्रों-नौजवानों ने पढ़ाई, विचार–विमर्श, खेलकूद, कविता लेखन प्रतियोगिता, गीत-संगीत, मिमिक्री, व्याख्यान जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया। प्रत्येक दिन सत्र की शुरुआत किसी विषय पर किसी युवा साथी द्वारा व्याख्यान के साथ होती थी। इन पाँच दिनों के दौरान, ‘क्रान्ति क्यों करें?’, ‘ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति’, ‘भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन का इतिहास’, ‘फ़ासीवाद क्या है और उससे कैसे लड़ें?’ जैसे विषयों पर वक्तव्य हुए। इसके अतिरिक्त, भारतीय समाज में ‘प्रेम, परम्परा और विद्रोह’, ‘भारत में बेरोज़गारी’ आदि जैसे विषयों पर विचार–विमर्श चक्र का आयोजन किया गया। शाम के समय सभी नौजवान क्रिकेट, वॉलीबॉल, कबड्डी आदि जैसे शारीरिक खेलों या फ़िर डम्ब शराड, अन्ताक्षरी, पर्ची का रहस्य आदि जैसी मनोरंजक गतिविधियों में शिरकत करते थे। हर रात को सामाजिक आन्दोलनों से जुड़ी किसी फ़िल्म का शो होता था। इन पाँच दिनों के दौरान ‘उमर मुख़्तारः दि लायन ऑफ़ डेज़र्ट’, ‘दि ग्रेट डिक्टेटर’, ‘टेन डेज़ दैट शुक द वर्ल्ड’, ‘अक्टूबर’ जैसी फ़िल्मों को दिखलाया गया।
इन पाँच दिनों में युवाओं के बीच खड़ी औपचारिकता और अलगाव की दीवार काफ़ी हद तक गिर गई और लोग एक-दूसरे के करीब आए और एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने लगे। आखिरी दिन सभी कार्यकर्ताओं ने आने वाले छः माह के कार्यों की योजना बनाई और छठे दिन सुबह सभी कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यक्षेत्र की ओर रवाना हो गये, लेकिन नई ताज़गी और ऊर्जा के साथ।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, अप्रैल-जून 2009
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