दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत पर दिशा का 15–दिवसीय सहायता डेस्क
दिल्ली विश्वविद्यालय के नये सत्र में दाखिले की शुरुआत के साथ ही अपनी परम्परा का निर्वाह करते हुए दिशा छात्र संगठन की दिल्ली विश्वविद्यालय इकाई ने कैम्पस के नवागंतुकों के लिए सहायता डेस्क का आयोजन किया। दिशा पिछले तीन वर्षों से यह सहायता डेस्क लगा रहा है और उसका सहायता डेस्क सबसे विशाल और लोकप्रिय माना जाता है। इस सहायता डेस्क पर पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन होता है और यह एक सांस्कृतिक केन्द्र के समान होता है। आर्ट्स फ़ैकल्टी, नॉर्थ कैम्पस में 1 जून से 15 जून तक यह सहायता डेस्क लगा रहा। इसमें हज़ारों की संख्या में छात्र मदद के लिए आए और दिशा के वालंटियरों ने फ़ॉर्म भरने सम्बन्धी दिक्कतों और दाखिले सम्बन्धी भ्रमों और नाजानकारियों को कुशलता के साथ दूर किया और छात्रों की मदद की। इसके साथ ही दिशा ने छात्रों को एक सहायता नम्बर भी दिया जिस पर फ़ोन करके दाखिले सम्बन्धी सभी जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती थीं।
दिशा छात्र संगठन के शिवार्थ ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछली बार से 7 हज़ार सीटें तो बढ़ी हैं लेकिन इसका मुख्य कारण कई नये पाठ्यक्रमों का खुलना भी है। इसलिए यह बढ़ोत्तरी निरपेक्ष बढ़ोत्तरी नहीं है। दूसरी ओर, जहाँ पिछले वर्ष 42,000 सीटों के लिए 93,000 आवेदन आए थे, वहीं इस बार 49,000 सीटों के लिए 1,30,000 से भी अधिक आवेदन आए हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि छात्रों के लिए अवसर घटते जा रहे हैं। दूसरी ओर, शिक्षा को माल बनाने की यह हद है कि कई पाठ्यक्रमों की फ़ीस 12 से 15 हज़ार रुपये प्रति वर्ष तक जा पहुँची है। यानी, जनता के एक हिस्से को तो आर्थिक तौर पर शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। शिवार्थ ने बताया कि दिशा इस व्यापारीकरण के खिलाफ़ लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, अप्रैल-जून 2009
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