देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव का भण्डाफ़ोड़ अभियान
15वें लोकसभा चुनावों के मौके पर विभिन्न क्रान्तिकारी जनसंगठनों और पत्र-पत्रिकाओं ने पूँजीवादी चुनावी जनतन्त्र की असलियत बयान करते हुए जनता के विभिन्न हिस्सों के बीच प्रचार अभियान चलाया।
दिल्ली में नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में पूँजीवादी चुनावों का भण्डाफ़ोड़ करते हुए एक सघन और व्यापक अभियान चलाया। इस अभियान को दिल्ली के करावलनगर, दिलशाद गार्डन, झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं आस-पास के रिहायशी क्षेत्रों, बादली औद्योगिक क्षेत्र, नरेला, बवाना, शाहबाद डेरी, तिमारपुर, आज़ादपुर आदि जैसे इलाकों में चलाया गया। इसके तहत सभी नुक्कड़-चौराहों पर जनसभाएँ की गईं और साथ ही घर-घर जाकर लोगों को इस जनतन्त्र की असलियत बयान की गई। इसके तहत एक पर्चा निकाला गया जिसमें साफ़ तौर पर यह आह्वान किया गया था कि चुनावी पूँजीशवादी जनतन्त्र की असलियत को पिछले 60 वर्षों का इतिहास बखूबी बयान कर रहा है। पिछले 60 वर्षों का इतिहास इस बात का गवाह है कि जनता की अकूत कुर्बानियों के बाद हासिल हुई आज़ादी में जनता को सिर्फ़ जूठन–झाजन ही नसीब हुई। सारी मलाई आज तक इस देश का नवधनाढ्य तबका और पूँजीपति वर्ग नेताशाही और नौकरशाही के साथ मिलकर सरपेट रहे हैं। आम मेहनतकश जनता को अपना जनवाद स्थापित करना होगा जो एक मज़दूर इंकलाब के जरिये ही हो सकता है। ऐसा मज़दूर इंक़लाब एक इंकलाबी विचारधारा और इंकलाबी पार्टी के बिना सम्भव नहीं है। आज आम घरों से आने वाले नौजवानों और मज़दूरों के सामने यही सबसे बड़ा और फ़ौरी काम है कि वे इंक़लाबी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में जुट जाएँ और साथ ही इंक़लाबी पार्टी खड़ा करने के काम को युद्ध-स्तर पर शुरू कर दें। इसके अतिरिक्त, इस नर्क जैसी हालत से निकलने का और कोई रास्ता नहीं है।
यही अभियान पंजाब में इंकलाबी छात्रों-नौजवानों की पत्रिका ‘ललकार’ और क्रान्तिकारी बुद्धिजीवियों की पत्रिका ‘प्रतिबद्ध’ ने बिगुल मज़दूर दस्ता के साथ मिलकर चलाया। इसके तहत, लुधियाना, जालंधर, चण्डीगढ़, मानसा, भटिण्डा, जैसे इलाकों में चुनावी भण्डाफ़ोड़ अभियान चलाया गया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ, गाज़ियाबाद और नोएडा शहरों में भी चुनावी भण्डाफ़ोड़ अभियान चलाया। यह अभियान नौजवान भारत सभा, बिगुल मज़दूर दस्ता, दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग ने मिलकर चलाया। इसके तहत विभिन्न रिहायशी इलाकों, मज़दूर क्षेत्रों आदि में पर्चा वितरण, जनसभाओं और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, अप्रैल-जून 2009
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