दिल्ली में चुनावी भण्डाफ़ोड़ अभियान
दिल्ली। दिल्ली सहित पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों की नौटंकी और जनता के साथ होते इस धोखाधड़ी के खेल का पर्दाफाश करते हुए ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’, ‘नौजवान भारत सभा’ और ‘दिशा छात्र संगठन’ ने मिलकर ‘चुनाव भण्डाफोड़ अभियान’ 21 नवम्बर से 28 नवम्बर तक दिल्ली के कई इलाकों में सघन रूप से चलाया। करावलनगर से शुरू हुए इस अभियान में 58 वर्षों से चल रहें धनतंत्र के इस खेल की असलियत उजागर करता एक पर्चा ‘किसे चुनें? सांपनाथ, नागनाथ या बिच्छूप्रसाद को?’ पूरे इलाके में नुक्कड़ सभाएँ करते हुए बाँटा गया। इस ‘चुनाव भण्डाफोड़ अभियान’ में छात्रों-नौजवानों की टोली एक नुक्कड़ नाटिका के जरिये इन नेताओं द्वारा चुनाव के समय की जाने वाली नौटंकी पेश भी कर रही थी – जिसमें दो लोग चुनावी नेता बने हुए थे और जनता से कभी न पूरे करने वाले वायदों में एक-दूसरे को पछाड़ने और कुर्सी के लिए कुत्तों की तरह लड़ रहे थे। अभियान के दौरान बिगुल मज़दूर दस्ता और नौजवान भारत सभा की टोलियों ने करावलनगर, झिलमिल, लोनी, खजूरी जैसे मज़दूर इलाकों और दिलशाद गार्डेन, नन्दनगरी, जी.टी.बी. अस्पताल आवासीय परिसर जैसे कालोनियों का दौरा किया। दिशा छात्र संगठन की टोली ने इसे पूरी दिल्ली में बसों और लोकल ट्रेन में और साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में भी चलाया।
इस अभियान में जनता के सामने सीधे तौर पर यह बात रखी गयी कि हर चुनाव में इस या उस चुनावी पार्टी को वोट देकर झूठी उम्मीदें पालने से आम मेहनतकश जनता का कोई भला नहीं हो सकता। एकमात्र रास्ता यह है कि आम मेहनतकश जनता की इंकलाबी पार्टी बनाने के काम को शुरू किया जाय और उसके लिए इंकलाबी विचारों और विज्ञान को मज़दूरों की बस्तियों से लेकर आम मध्यवर्गीय कालोनियों और स्कूलों-कॉलेजों तक फैला दिया जाय। जब तक मेहनतक़श जनता की इंकलाबी पार्टी नहीं खड़ी होती कोई सामाजिक बदलाव नहीं हो सकता। अभियान टोली ‘‘भगतसिंह का ख्वाब, इलेक्शन नहीं इंकलाब’’, ‘‘नेताओं का बोलबाला, जनता का पिट रहा दिवाला’’, और ‘‘चुनावी मायाजाल से बाहर आओ और नई क्रान्ति की राह बनाओं’’ जैसे नारे भी जोर-शोर से लगा रही थी।
नरेला में भी चला भण्डाफोड़ अभियान
‘नौजवान भारत सभा’ तथा ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’ के कार्यकर्ताओं ने नरेला तथा बादली के विभिन्न इलाकों में नुक्कड़ नाटक, नुक्कड़ सभाएँ, पर्चा वितरण तथा पोस्टरिंग के माध्यम से चुनावी नेताओं का जमकर भण्डाफोड़ किया तथा मेहनतकश जनता से क्रान्तिकारी विकल्प खड़ा करने की तैयारी में जी-जान से लग जाने की अपील की।
‘नौजवान भारत सभा’ की ओर से जारी ‘मेहनतकश जनता के लिए जरूरी जनरल नॉलेज़’ के माध्यम से पूँजीवादी चुनावी पार्टियों, उनके नेताओं के चरित्र, चुनाव पर होने वाले खर्च, संसद-विधानसभाओं का असली काम, न्यायपालिका तथा शिक्षा व्यवस्था का भण्डाफोड़ किया गया।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, जनवरी-मार्च 2009
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