हरियाणा में शहादत दिवस अभियान तथा आरक्षण के प्रश्न पर क्रान्तिकारी प्रचार अभियान
हरियाणा संवाददाता
भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव के 81 वें शहादत दिवस के अवसर पर नौजवान भारत सभा के द्वारा हरियाणा के नरवाना व कलायत में पर्चा वितरण किया गया। इसका मकसद शहीदों के विचारों को तथा उनके सपनों को आम जनता के बीच लेकर जाना था ताकि उनके सपने साकार किये जा सकें। नौभास के रमेश ने बताया कि भगतसिंह की क्रान्तिकारी धारा के लिए आज़ादी का मतलब मेहनतकश जनता की विदेशी तथा देशी दोनों प्रकार के शोषण से मुक्ति से था। छात्रों, युवाओं तथा मेहनतकश आम आबादी ने अभियान को काफी सराहा।
पिछलों दिनों हरियाणा में जाट आरक्षण का मुद्दा फिर से सुर्खियों में था। इसके पीछे संकीर्ण जातिवादी हित तो थे ही साथ में विपक्षी दलों ने भी आरक्षण के ‘‘आन्दोलन’’ को काफी हवा दे रखी थी। नौजवान भारत सभा ने भी इस अवसर पर अपना रुख स्पष्ट किया और आरक्षण के सवाल पर ‘आरक्षणः विभ्रम और यथार्थ’ नाम से व्यापक पर्चा वितरण किया गया। नरवाना कॉलेज, आईटीआई तथा पॉलिटैक्निक में पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ आम आबादी तक भी बात पहुँचाई गई। इसके अलावा कलायत में भी कोचिंग सेन्टर तथा युवाओं के बीच परचे का वितरण हुआ। नौभास के सदस्यों में से एक रोहताश ने बताया कि आज के समय में बेरोजगारी किसी एक जाति की समस्या नहीं है, बल्कि कमोबेश हर जाति में बेरोजगारी है, तथा आरक्षण से यदि रोजगार व शिक्षा के सवाल को हल होना होता तो यह आज तक हो गया होता। दूसरी बात जब सरकारी तथा पब्लिक सेक्टर की नौकरियों को लगातार कम किया जा रहा हो, मुनाफे की अन्धी हवस के कारण प्रद्यौगिकी का इस्तेमाल लोगों को बेरोजगार करने में हो रहा हो तो सबसे पहले हमें ऐसी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करना चाहिए जिसमें शिक्षा और रोजगार पैसे वालों की जेब में समा गये हों। छात्राो-युवाओं से यह अपील की गई कि वोटबैंक की राजनीति के झाँसे में आए बिना ‘सबके लिये समान और निःशुल्क शिक्षा तथा हर काम करने योग्य व्यक्ति को रोज़गार’ नारे के तहत ही मेहनतकश जनता के बेटे-बेटियों को एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलन्द करनी चाहिए। शिक्षा और रोज़गार हमारे जन्मसिद्ध अधिकार हैं, व इन्ही ठोस मुद्दों पर आज कोई छात्रा-युवा आन्दोलन खड़ा हो सकता है। छात्रों-युवाओं ने धैर्य के साथ बात सुनी तथा सकारात्मक रुख दिखाया।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, मार्च-अप्रैल 2012
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