दिल्ली में चुनाव का भण्डाफोड़ अभियान
अभी हाल ही में सम्पन्न हुए दिल्ली नगर निगम के चुनावी तमाशे का ‘नंगा और घिनौना’ रूप हमारे सामने हैं इस पूँजीवादी चुनाव का भण्डाफोड़ करते हुए नौजवान भारत सभा, बिगुल मजदूर दस्ता, दिशा छात्रा संगठन ने विभिन्न इलाकों में अभियान चलाया। ये अभियान मुख्यतः करावल नगर के शहीद भगतसिंह कॅालोनी, मुकुन्द विहार से लेकर बादली औद्योगिक क्षेत्रा के आदि इलाकों मे चलाया गया। इसके तहत इलाके के नुक्कड़-चैराहों पर जन सभाएँ की गई तथा साथ ही लुघ नाटिका में ‘घोटाला चाचा’ तथा ‘भ्रष्टाचार ताऊ’ बनाकर बताया गया कि जनता के पास चुनने के लिए केवल यही है और इस चुनाव में जीते कोई भी हारेगी जनता ही। इस मौके पर एक परचा भी वितरित किया गया जिसका शीर्षक था ‘एम.सी.डी चुनाव में जनता के पास चुनने के लिए क्या है?’ इसमें बताया गया कि एम.सी.डी के 55 सालों के ज्यादातर वायदे अधूरे ही है। दिल्ली के अमीरज़ादों के इलाकों में तो बुनियादी सुविधाएँ बेहतर हैं लेकिन जिन कॉलोनियों में आम मेहनतकश आबादी रहती है वहाँ ऊबड़-खाबड़ सड़के है या सड़के हैं ही नहीं, बजबजाती नालियाँ और नुक्कड़ों पर कूड़ों का ढेर जमा रहता हैं, जिसके चलते हमारे बच्चे आये दिन मलेरिया, डेंगू और हैजा जैसी बीमारियों के शिकार बनते हैं। एम.सी.डी स्कूलों की बदहाली से तो हम सभी अच्छी तरह से परिचित ही होंगे। वहाँ न साफ पीने का पानी की व्यवस्था है, और न सभी विषयों के लिए शिक्षक हैं। साफ है, सरकारी स्कूलों में सुविधाएँ न होने का कारण निजी स्कूलों का मुनाफा हैं। परचे के अन्त में मेहनतकश, नौजवानों को ललकारते हुए आह्नान किया गया कि अब चुनावी मदारियों के मायाजाल से बाहर आओ और सच्ची लोकस्वराजी सत्ता कायम करने के लिए लम्बी लड़ाई की राह पर डट जाओ जहाँ उत्पादन, राज-काज और समाज के पूरे ढाँच पर आम मेहनतकश वर्ग का कब्ज़ा हो। यानी, कल-कारखाने और खान-खदान, खेत-खलिहान और देश की समस्त सम्पदा सामूहिक तौर पर देश के मज़दूरों और ग़रीब किसानों की सम्पत्ति हो, न कि मुट्ठी भर लुटेरों की।
ये अभियान दिल्ली की डीटीसी बसों में भी चलाया गया। इसके साथ करावलनगर में चुनावी भण्डाफोड़ के पोस्टर लगाकर भी जनता के सामने पूँजीवादी चुनाव की असलियत को उजागर किया गया।
दिल्ली संवाददाता
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