जनवरी मार्च 2005
अपनी ओर से
छात्र-नौजवान नयी शुरुआत कहाँ से करें?
सामयिकी
लुटेरों की नयी मैनेजिंग कमेटी भी भयाक्रान्त / प्रसेन
बेरोजगारी का असली पैमाना / ‘आस्पेक्ट्स ऑफ इण्डियाज इकॉनमी’ से साभार
सुनामी : महज कुदरत का कहर नहीं / आशू
बेरोजगारी पर महामहिम की चिन्ता / तपीश
इंसान को हैवान बना देती है यह मशीनरी
समाज
मुर्दाखोरों के हाथ में आपकी जान / लता
नेटवर्क मार्केटिंग की असलियत / अरविन्द कुमार
टेढ़ी आंखें तिरछी नज़र
सा विद्या या विमुक्तये / फटक चंद गिरधारी
साहित्य
राजविन्दर मीर की कविताएं
पाब्लो नेरूदा की एक कविता
मुक्तिबोध की एक कविता
उद्धरण
सकर्मक विमर्श
1. एक नौजवान की आत्मकथा / कपिल स्वामी, दिल्ली 2. सेवा या उद्योग? अरे नहीं! सेवा उद्योग!! / गीतिका, इलाहाबाद 3. टूटते सपने, बिखरती उम्मीदें / योगेश स्वामी, दिल्ली 4. ‘आई ऐम नॉट गुड एट हिन्दी यू नो !!’ क्या वाकई! / सरगम, दिल्ली 5. महंगी होती स्वास्थ्य सुविधाएं और जान गंवाते मरीज / पवन, दिल्ली 5. टंगड़ी मार, आगे बढ़!! / गीतिका, इलाहाबाद 6. जहां हंसना भी सीखना पड़े…. / नमिता, इलाहाबाद
विश्व पटल पर
इराक : फर्जी चुनाव के बाद की असलियत / सत्यम
नेपाल में राजा का आत्मघाती कदम / आलम
विरासत
राष्ट्रीय संस्कृति के लिए शिक्षा / न्गूगी वा थ्योंगो
जनमुक्ति संघर्षों का महाकवि पाब्लो नेरूदा
स्मृति शेष
विलियम हिण्टन : एक तूफानी ज़िन्दगी
पॉल स्वीजी : एक प्रतिबद्ध बुद्धिजीवी
नयी कलम से
प्रसेन की कविताएं
गतिविधि बुलेटिन
1. दिल्ली विश्वविद्यालय के अम्बेडकर कॉलेज में दिशा का सांस्कृतिक कार्यक्रम 2. दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज (सांध्य) में छात्रों के आन्दोलन की शानदार विजय 3. करावलनगर, दिल्ली में नववर्ष की पूर्वसंध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम 4. नौजवान भारत सभा द्वारा करावलनगर, दिल्ली में मज़दूरों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन 5. दिल्ली विश्वविद्यालय में सचल पुस्तक प्रदर्शनी
'आह्वान' की सदस्यता लें!
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीआर्डर के लिए पताः
बी-100, मुकुन्द विहार, करावल नगर, दिल्ली
बैंक खाते का विवरणः प्रति – muktikami chhatron ka aahwan
Bank of Baroda, Badli New Delhi
Saving Account 21360100010629
IFSC Code: BARB0TRDBAD
आर्थिक सहयोग भी करें!
दोस्तों,
“आह्वान” सारे देश में चल रहे वैकल्पिक मीडिया के प्रयासों की एक कड़ी है। हम सत्ता प्रतिष्ठानों, फ़ण्डिंग एजेंसियों, पूँजीवादी घरानों एवं चुनावी राजनीतिक दलों से किसी भी रूप में आर्थिक सहयोग लेना घोर अनर्थकारी मानते हैं। हमारी दृढ़ मान्यता है कि जनता का वैकल्पिक मीडिया सिर्फ जन संसाधनों के बूते खड़ा किया जाना चाहिए।
एक लम्बे समय से बिना किसी किस्म का समझौता किये “आह्वान” सतत प्रचारित-प्रकाशित हो रही है। आपको मालूम हो कि विगत कई अंकों से पत्रिका आर्थिक संकट का सामना कर रही है। ऐसे में “आह्वान” अपने तमाम पाठकों, सहयोगियों से सहयोग की अपेक्षा करती है। हम आप सभी सहयोगियों, शुभचिन्तकों से अपील करते हैं कि वे अपनी ओर से अधिकतम सम्भव आर्थिक सहयोग भेजकर परिवर्तन के इस हथियार को मज़बूती प्रदान करें। सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग करने के लिए नीचे दिये गए Donate बटन पर क्लिक करें।