शहीद-ए-आज़म भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव व गणेशशंकर विद्यार्थी की 79वीं शहादत दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम
मऊ। शहीदे-आज़म भगतसिंह, राजगुरू व सुखदेव की शहादत दिवस से 25 मार्च, गणेश शंकर विद्यार्थी की शहादत दिवस तक नौजवान भारत सभा और देहाती मजदूर यूनियन ने “तीन दिवसीय संकल्प यात्रा’‘ के तहत मर्यादपुर, मधुबन, दुबारी व काठतराव के इलाकों में व्यापक रूप से नुक्कड़ सभाएँ व पर्चा वितरण किया। कार्यक्रम का समापन 25 मार्च को शाम 8:00 बजे आम सभा के द्वारा काठतराव में हुआ।
देहाती मजदूर यूनियन के संयोजक डा. दूधनाथ के नेतृत्व में एक साईकिल जत्था ‘भगतसिंह की बात सुनो, नई क्रांति की राह चलो‘, ‘पूँजीवाद-साम्राज्यवाद का नाश हो’, ‘उठो जवानो आगे आओ, शोषण मुक्त समाज बनाओ’, आदि जैसे नारे लगाते और इन्हीं नारों से लिखी तख्तियाँ साईकिल में बाँधकर नौ.भा.स. कार्यालय शहीद पुस्तकालय, मर्यादपुर से फतहपुर, कटघराशंकर, मधुबन बाजार, दुबारी बाजार, गजियापुर, बैरियाडीह, लखनौर, कमलसागर, व बेलौली कई नुक्कड़ सभाएँ व व्यापक मात्रा में पर्चा वितरण करते हुए काठतराव में आम सभा का आयोजन किया। इस दौरान कई लोगों ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि फिर आइयेगा, हम लोग आपके साथ हैं।
सभा में नौ.भा.स. के उदयभान और नन्दलाल ने चुनावी पार्टियों की पोल खोलते हुए आज के हालात पर प्रकाश डाला तथा शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए नौजवानों-मेहनतकशों का आह्वान करते हुए बताया कि इस अन्यायी व्यवस्था की चादर में पैबन्द लगाने वाले एन.जी.ओ. व समाज को बाँटने वाली साम्प्रदायिक फासिस्ट पार्टियों तथा चुनावी पार्टियों के भ्रम से बाहर निकलकर एक बार फिर से क्रान्तिकारी परिवर्तन के लिए कमर कसकर उठ खड़े होना होगा। शहीदों ने ऐसी आज़ादी का सपना नहीं देखा था, जैसा आज है। वे ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते थे जिसमें एक इंसान द्वारा दूसरे इंसान का शोषण असम्भव हो जाय, लेकिन आज 10 फीसदी थैलीशाहों की हुकूमत 90 फीसदी मेहनतकश जनता पर है। पूरा समाज सिर के बल खड़ा है, इसे सीधा करने के लिए एक नई जनक्रान्ति की तैयारी करनी होगी। दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, मई-जून 2010
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