‘नौजवान भारत सभा’ के बैनर तले खदरा इलाक़े के नागरिकों द्वारा धरना-प्रदर्शन

आह्वान के पिछले अंकों में हम लखनऊ शहर के खदरा इलाके में, ‘नौजवान भारत सभा’ के नेतृत्व में स्वच्छ जल, साफ़-सफ़ाई और चिकित्सा जैसे बेहद बुनियादी नागरिक अधिकारों को लेकर इलाके के लोगो द्वारा छेड़े गये संघर्ष की रपट देते रहे हैं। ज्ञात होगा कि इस संघर्ष की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर के महीने से की गयी थी, जब बरसात के चलते पूरे इलाके में डेंगू, मलेरिया और मियादी बुखार से एक महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी और करीब 70 लोग, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल थे, मौत के शिकार हुए थे। वैसे यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं थी। 8 फ़ीसदी की दर से कुलाँचे भर रही अर्थव्यवस्था वाले इस भारत देश में ग़रीब बस्तियों में रहने वाले देश की कुल आबादी के 85 फ़ीसदी लोग हर मौसम में (जाड़ा, गर्मी, बरसात) बेहद मामूली बीमारियों से अपने लोगो की जान गँवाते देखते रहने के लिए मजबूर होते हैं।

‘नौजवान भारत सभा’ ने पिछले साल ही इलाके के लोगों के साथ मिलकर यह संकल्प लिया था कि इस बरसात के मौसम में सरकारी उपेक्षा के चलते बेगुनाह बच्चों और नागरिको को मौत का शिकार नहीं होने देंगे। इसी के मद्देनज़र पिछले एक साल से चल रही लड़ाई को पिछले महीने अपने निर्णायक दौर में पहुँचाने के लिए गतिविधियाँ तेज़ कर दी गयीं। जून के महीने के पहले हफ्ते से ही पूरे खदरा (विशेषकर वे इलाके जहाँ पिछले वर्ष ज़्यादा लोग बीमार पड़े थे) में गली मीटिंगों का जाल बिछा दिया गया। हर रात 8.30 बजे दो से तीन गलियों के लोगो का जुटान किया जाता था और फिर समस्या के सन्दर्भ में पूरी बात रखते हुए, लोगों को एकजुट होकर प्रशासन के समक्ष अपनी माँगें रखने के लिए तैयार किया जाता था। बाबा का पुरवा, मशालची टोला और रामलीला मैदान के निवासियों की कुल आठ गली मीटिंगें आयोजित की गयीं। इन मीटिंगों में साझा तौर पर यह तय किया गया कि 20 जून, 2011 को नगर निगम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा और नगर आयुक्त महोदय को एक छः सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल द्वारा अपना माँगपत्रक सौंपा जायेगा। इस माँगपत्रक की माँगें हैं –

1.            पूरे इलाके में नालियों से लेकर जल-भराव इत्यादि के लिए नियमित एवं निशुल्क सफ़ाई की व्यवस्था की जाये।

2.            घरों से निकलने वाले कूड़े के लिए इलाकेवार कूड़ेदान रखे जायें एवं नियमित अन्तराल पर उनकी सफ़ाई करायी जाये।

3.            पीने के साफ़ पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जाये एवं ख़राब पड़े हैण्डपम्प की मरम्मत करायी जाये।

4.            पूरे इलाके में मासिक अन्तराल पर हर परिवार के लिए उचित संख्या में क्लोरीन की गोलियों का वितरण किया जाये।

5.            एक नया स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाये। जिसमें 8 घण्टे के लिए कम-से-कम तीन चिकित्सक उपलब्ध हों।

6.            फ़ागिंग मशीनों से नियमित तौर पर इलाके में दवा का छिड़काव कराया जाये।

तय कार्यक्रम के अन्तर्गत 20 जून, 2011 को इलाके से करीब 60 लोगों, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल थीं, ने इकट्ठा होकर नगर निगम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस धरना-प्रदर्शन के दौरान ‘नौजवान भारत सभा’ के लालचन्द्र ने कहा कि हमारा यह सामूहिक प्रयास नगर आयुक्त महोदय को जल्द ही हमें बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए बाध्य कर देगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संघर्ष को और व्यापक स्तर पर संगठित किया जायेगा। सुधा आँटी ने कहा कि चुनावी पार्टियाँ कभी सही मौके पर हमारा साथ देने नहीं आतीं, न ही उनसे ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए। हमारी लड़ाई हमें ख़ुद अपने संगठन के दम पर छेड़नी होगी। इसके बाद छः सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने नगर आयुक्त को अपना ज्ञापन सौंपा और उनसे इन माँगों पर दो हफ्ते के भीतर कार्यवाही करने की माँग की।

आज जब चारों ओर आम जनता पस्तहिम्मती और निराशा की शिकार है, उस दौर में इस तरह के छोटे-छोटे संघर्ष भी बहुत मायने रखते हैं। दूसरे एक भावी जनक्रान्ति के लिए लोगो को इलाकाई माँगों के इर्द-गिर्द संगठित करना अपने आप में आज हमारे सामने उपस्थित सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यभार है।

मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान, मई-जून 2011

 

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