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राजस्थान और मध्य प्रदेश:‘हिन्दुत्व’ की नयी प्रयोगशालाएँ

गुज़रात के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश के रूप में इन दो नयी प्रयोगशालाओं में का लगातार आगे बढ़ता प्रयोग सभी प्रगतिशील, जनवादी और धर्मनिरपेक्ष लोगों के सामने गम्भीर चुनौती के रूप में खड़ा है। साम्प्रदायिक फ़ासीवादी ताकतों के मंसूबों को अगर चकनाचूर करना है तो देशभर में अपनी गोलबन्दी तेज़ करनी होगी। बहादुर, इंसाफ़पसन्द और प्रगतिचेता युवाओं को अँधेरे की इन काली ताक़तों के खिलाफ़ आने वाले दिनों में सड़कों पर मोर्चा लेने के लिए कटिबद्ध हो जाना होगा।