मशाल जुलूस
24 सितम्बर 2006 लुधियाना। स्मृति संकल्प यात्रा के अंतर्गत ही शहीद भगत सिंह जन्मशताब्दी के प्रारम्भ के सन्दर्भ में लुधियाना के लक्ष्मण नगर इलाके में नौभास द्वारा मशाल मार्च किया गया। इस मार्च में ज़्यादातर मजदूर नौजवान थे। 25–27 नौजवानों का यह मशाल मार्च क्रान्तिकारी नारे लगाते हुए जिन–जिन गलियों में से गुजरा, लोग अपने–अपने घरों से बाहर निकल आये। लोगों में स्मृति संकल्प यात्रा का पर्चा बाँटा गया। कई जगहों पर नुक्कड़ सभायें की गईं। इन नुक्कड़ सभाओं के दौरान नौभास के पंजाब के संयोजक साथी अजयपाल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शहीद भगतसिंह और उनके साथियों द्वारा जिस आजाद भारत का सपना देखा गया था वह भारत बन नहीं पाया है। इसके लिए फिर से जरूरत है कि उनके विचार विशाल जनता तक पहुँचाये जाँय। उन्होंने शहीद भगतसिंह के नौजवानों के नाम भेजे गये ख़त के शब्द दोहराये जिनमें भगतसिंह ने कहा था कि नौजवानों–विद्यार्थियों को फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों मजदूरों के पास, झुग्गियों और झोपड़ियों तक क्रान्ति का सन्देश लेकर जाना होगा जो ऐसी आजादी लायेगा जिसमें मनुष्य द्वारा मनुष्य की लूट असम्भव हो जायेगी। इसके अलावा साथी राजविंदर, साथी लखविंदर और साथी प्रभाकर ने अलग–अलग नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित किया जिसमें उन्होंने नौजवानों को शहीद भगतसिंह के दिखाये गये राह पर चलने और नौजवान भारत सभा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। लोगों में नुक्कड़ सभाओं के दौरान नौभास के वक्ताओं द्वारा कही गयी बातों को बड़े ध्यान से सुना।
बच्चों के भाषण मुकाबले
28 सितम्बर 2006, पखोवाल (जिला लुधियाना)। शहीद भगत सिंह के 100 वें जन्मदिवस के अवसर पर नौभास द्वारा पखोवाल में विद्यार्थियों के भाषण मुकाबले कराये गये। भाषण के विषय थे– शहीद भगत सिंह की विचारधारा, शहीद भगत सिंह का व्यक्तित्व शहीद भगत सिंह का जीवन, शहीद भगत सिंह की विचारधारा और आज का समय। भाषण मुकाबले में कुल 72 विद्यार्थियों ने भाग लिया। साथ में 15 बच्चों ने गीत–संगीत कार्यक्रम पेश किया। विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए नौभास के कार्यकर्ता लगभग 1 महीना पहले से ही इस इलाके के स्कूलों में जाना शुरू कर चुके थे। स्कूलों में विद्यार्थियों को इकट्ठा करके शहीद भगतसिंह के बारे में बताया गया है। भाषण मुकाबले में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों और अध्यापकों को शहीद भगतसिंह के जीवन और उनकी विचारधारा से सम्बन्धित किताबें उपलब्ध कराई गईं जिनमें से विद्यार्थियों ने भाषण की तैयारी की। मुकाबले का मंच संचालन जमीर हुसैन द्वारा किया गया और मुख्य अतिथि थे प्रोफेसर गुरमीत सिंह हुंदल। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि नौभास द्वारा उठाया गया यह कदम बहुत सराहनीय है क्योंकि भाषण मुकाबले के जरिये बच्चों में शहीद भगतसिंह के विचारों का प्रचार हो रहा है। विद्यार्थियों के भाषणों के जरिये यह विचार उभर कर आये कि शहीद भगतसिंह जिस प्रकार का समाज बनाना चाहते थे वो नहीं बन पाया। ज़्यादातर बच्चों ने यह विचार पेश किये कि फिल्मों और पोस्टरों में आम तौर पर दिखाया गया कि बम–बन्दूक वाला भगतसिंह असली भगतसिंह है। लेकिन वह असली भगतसिंह नहीं है। विद्यार्थियों के विचारों पर उनके साथ की गई नौभास के कार्यकर्ताओं की बातचीत और उन्हें दी गई किताबों का असर साफ़ दिखा रहा थे। यह एक अच्छा अनुभव था। भाषण मुकाबले में भाग लेने वाले और गीत सुनाने वाले बच्चों को प्रोत्साहन के तौर पर किताबें दी गई। ईनाम पाने वाले विद्यार्थियों को ख़ास तौर पर शहीद भगत सिंह की तस्वीर वाले पोस्टर दिये गये।
आह्वान कैम्पस टाइम्स, जुलाई-सितम्बर 2006
'आह्वान' की सदस्यता लें!
आर्थिक सहयोग भी करें!